चौमूं में शहर के रावला चौक स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक बालिका स्कूल की शिक्षकों ने भामाशाहों के साथ मिलकर निजी स्कूल की तर्ज पर तस्वीर बदल दी है। प्रधानाचार्य सुमन शर्मा की इच्छाशक्ति और स्टाफ के योगदान से जीर्ण-शीर्ण भवन को चमाचम कर दिया है। प्रधानाचार्य ने बताया कि स्कूल का भवन कई दशक पुराना है। दीवारों से चूना गिर रहा था। फर्स टूट-फूट रही थी। भवन को मरम्मत एवं रंगरोगन की दरकार थी। भवन मरम्मत के लिए विद्यालय का स्टाफ व वरिष्ठ कल्याण परिषद के प्रतिनिधि आगे आए। भवन मरम्मत में करीब 1.30 लाख रुपए खर्च हुए, जिनमें से विद्यालय के 35 स्टाफ सदस्यों ने 80 हजार रुपए का योगदान दिया है।
जोबनेर के ऐतिहासिक श्री करण नरेंद्र राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के अध्यापकों ने प्रधानाचार्य डॉक्टर रामकुमार सिराधना के नेतृत्व में विद्यालय में 1.50 लाख रुपए एकत्रित कर एसडीएमसी के खाते में जमा करवाए। इसके बाद विद्यालय के लिए 10 पंखे, तीन अलमारी, स्टाफ रूम में फर्नीचर व सीसीटीवी कैमरे लाए गए प्रधानाचार्य ने बताया कि इस कार्य के लिए डॉ रामकुमार सिराधना ने 51 सो रुपए, व्याख्याता सुशील पारीक ने 11000, वासुदेव शर्मा ने 21000, ईश्वर लाल यादव ने 11000,, अशोक कुमार ने 5100, अरुण कुमार जैन ने 4700, माखनलाल डाबरियानी 5100 रुपए समेत 34 शिक्षकों ने डेढ़ लाख रुपए एकत्रित किए।
दूदू में भामाशाह रवि शंकर दायमा प्रधानाचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दूदू ने 35000 का आर्थिक सहयोग देकर विद्यालय चारदीवारी के पास तारबंदी व विद्यालय में 4 सीसीटीवी कैमरे लगवाए। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दूदू की अध्यापिका श्रीमती इंदिरा तिवारी ने 20000, श्रीमती मंजू सिसोदिया ने 11000 का आर्थिक सहयोग देकर विद्यालय विकास में योगदान दिया। श्रीपांचूलाल बागड़ी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय साली में प्राध्यापक हिंदी नीरज कुमार कुमावत ने 22000 की लागत से आरओ भेंट किया है। इसी स्कूल के प्रधानाचार्य विजेन्द्र बसवाल ने शाला परिसर में 42000 की लागत से सरस्वती मां के मंदिर का निर्माण करवाया है।
मौजमाबाद स्थित महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम सरकारी विद्यालय के प्रधानाचार्य अब्दुल रज्जाक नागोरी के नेतृत्व में विद्यालय स्टाफ की ओर से 50000 की राशि एकत्रित कर विद्यालय में मरम्मत एवं रंग रोगन करवाया गया साथ ही पौधे खरीद कर वृक्षारोपण भी किया गया। राजकीय सीनियर उच्च माध्यमिक विद्यालय मौजमाबाद में प्रधानाचार्य रंजना पारीक के नेतृत्व में शिक्षकों ने 62000 की राशि एकत्रित कर भामाशाह के रूप में कोरोना संक्रमण के दौरान सूखी सामग्री वितरित की।