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बायोमेट्रिक मशीन को दिखा रहे ‘अंगूठा’

locationबगरूPublished: Sep 20, 2019 10:52:45 pm

Submitted by:

Ramakant dadhich

नगरपालिका में तीन साल पहले लगाई गई बायोमेट्रिक मशीन चालू तो है, लेकिन गिने-चुने कर्मचारी ही इससे हाजिरी करते हैं।

बायोमेट्रिक मशीन को दिखा रहे ‘अंगूठा’

बायोमेट्रिक मशीन को दिखा रहे ‘अंगूठा’

चौमूं. नगरपालिका में अधिकारी व कर्मचारियों को ड्यूटी के प्रति जिम्मेदार बनाने एवं कार्यालय की व्यवस्था दुरुस्त करवाने के मकसद से तीन साल पहले लगाई गई बायोमेट्रिक मशीन चालू तो है, लेकिन गिने-चुने कर्मचारी ही इससे हाजिरी करते हैं। नतीजतन, कर्मचारी-अधिकारी कब आते हैं और कब जाते हैं। पता ही नहीं चलता। इसका खमियाजा पालिका कार्यालय में आने वाले जरूरतमंद लोगों को भुगतना पड़ता है। गम्भीर बात ये है कि बायोमेट्रिक मशीन होने के बावजूद वेतन भुगतान भी रजिस्टर की हाजिरी से किया जाता है।
जानकार सूत्रों के अनुसार वर्ष 2016 में तत्कालीन उपखंड अधिकारी ने उपखंड क्षेत्र में जनसहयोग से राजकीय चिकित्सालय चौमूं, गोविन्दगढ़, कालाडेरा एवं सामोद में बायोमेट्रिक लगवाई थी। इसके सकारात्मक परिणाम आने के बाद नगरपालिका कार्यालय की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने एवं अधिकारी व कर्मचारियों को ड्यूटी के प्रति पाबंद करने के मकसद से नगरपालिका अध्यक्ष को बायोमेट्रिक मशीन लगाने का सुझाव दिया था, जिस पर पालिकाध्यक्ष ने बायोमेट्रिक मशीन लगवाई थी। सूत्रों की मानें तो वर्ष 2016 में करीब 18 हजार रुपए की लागत से बायोमेट्रिक मशीन खरीदकर चालू करवाई थी। मशीन का कुछ दिनों तो कार्मिकों ने विरोध किया था, लेकिन बाद में मशीन से ही हाजिरी शुरू की गई थी। कुछ महीने तो चला, लेकिन इसके बाद ईओ बदलते गए और प्रशासनिक व्यवस्था कमजोर पडऩे लगी तो अधिकतर अधिकारी व कर्मचारी ने मशीन से हाजिरी करने के बजाय हाजिरी रजिस्टर में ही हस्ताक्षर करते रहे।

स्टाफ की ये है स्थिति
चौमूं नगरपालिका में अधिशासी अधिकारी के अलावा एक वरिष्ठ लिपिक, छह कनिष्ठ लिपिक, आठ सहायक कर्मचारी, आधा दर्जन से अधिक संविदाकर्मी, स्वास्थ्य निरीक्षक, सहायक राजस्व निरीक्षक, एक कनिष्ठ लेखाकार समेत 100 से अधिक सफाईकर्मी कार्यरत हैं। सूत्रों की मानें तो इनकी हाजिरी मशीन से होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। सुबह 9.30 से शाम 6 बजे तक चलने वाले इस कार्यालय में कुछेक कर्मचारियों को छोडक़र अधिकतर लोग मशीन से हाजिरी नहीं करते हैं। इसका कारण ये है कि पालिका प्रशासन ने मशीन के साथ हाजिरी रजिस्टर भी बना रखा है। इस व्यवस्था के तहत बायोमेट्रिक मशीन व रजिस्टर दोनों में ही हाजिरी करना जरूरी है, लेकिन कर्मचारी व अधिकारी मनमर्जी से आने के चक्कर में मशीन में थम्ब नहीं लगाते हैं और रजिस्टर में ही हस्ताक्षर करते हैं। वहीं रजिस्टर की हाजिरी से ही वेतन भुगतान तैयार किया जा रहा है।

ड्यूटी चार्ट तक नहीं
पालिका प्रशासन की ओर से किस कर्मचारी को क्या कार्यभार सौंपा हुआ है। कौन अधिकार व कौन कर्मचारी सरकारी कार्य से जयपुर में किस कार्य से गया है। कौन-कौनसे सफाईकर्मियों को किस-किस वार्ड भेजा गया है। कौन-कौनसे ऑटोटीपरों की ड्यूटी किन-किन वार्डों में लगाई गई है। कौनसा अधिकारी व निगरानी ऑफिस छोडक़र किस सरकारी कार्य से बाहर गया है। इस तरह का ड्यूटी चार्ट तक नहीं लगाया जाता है। इससे कार्मिक बेफिक्र रहते हैं।
इनका कहना है…

– यदि नगरपालिका कार्यालय चौमंू में बायोमेट्रिक मशीन है तो सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को बायोमेट्रिक मशीन से ही हाजिरी करनी चाहिए। इस मामले की जांच करवाई जाएगी। अधिशासी अधिकारी को पाबंद किया जाएगा कि वेतन बायोमेट्रिक मशीन के आधार पर तैयार किया जाए।
रेणु खंडेलवाल, क्षेत्रीय उप निदेशक, स्थानीय निकाय विभाग जयपुर
इनका कहना है
बायोमेट्रिक मशीन से ही पहले अधिकारी व कर्मचारी हाजिरी करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। इसे सख्ती से लागू करवाया जाएगा।
अध्यक्ष, नगरपालिका चौमूं

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