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टमाटर के भाव में लगी आग, निकला 100 के पार

locationबगरूPublished: Jul 05, 2020 11:40:24 pm

Submitted by:

Ramakant dadhich

– टमाटर के लिए प्रसिद्ध जगहों पर भी बाहर से आ रहा टमाटर

टमाटर के भाव में लगी आग, निकला 100 के  पार

टमाटर के भाव में लगी आग, निकला 100 के पार

जयपुर. इसे किसानों की किस्मत के साथ प्रकृति का खिलवाड़ कहें या एक संयोग। किसान जब भरपूर टमाटर पैदा करता है, तो उसे 2 रुपए किलो का भाव भी नहीं मिलता। टमाटर से लदे वाहनों को सड़क पर खाली करने पर मजबूर होना पड़ता है। वहीं जब वह अन्य फसलों पर ध्यान देता है, तो यही टमाटर सौ रुपए किलो तक में बिक रहा है। टमाटर जो 2 माह पहले 2 रुपए में भी कोई नहीं खरीद रहा था और किसान खुद को ठगा सा महसूस कर इसे सड़क पर फेंकने पर मजबूर हो गया था, वह अब सौ रुपए प्रति किलो भाव तक जा पहुंचा है। ऐसे में दाल-सब्जी में टमाटर का तड़का जैसे ‘लॉकÓ हो रहा है।

अब बाहर से मंगाने को मजबूर

जिले के बस्सी क्षेत्र का टमाटर राजस्थान के अलावा पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश में भी प्रसिद्ध है। बस्सी क्षेत्र से सैकड़ों वाहन टमाटर से भर कर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों समेत अन्य राज्यों में सप्लाई के लिए जाते थे, वहीं अब स्थिति यह है कि बस्सी क्षेत्र में बाहर का टमाटर लाना मजबूरी हो गया है।
टमाटर के सौ रुपए किलो होने से रसोई में लगने वाले सब्जी के तड़के से टमाटर अब गायब हो गया है। वहीं सब्जी वालों ने बताया कि टमाटर के दाम इतने ऊंचे हो गए कि अब अन्य सब्जी के साथ टमाटर देना बंद कर दिया है। पहले जहां ग्राहक दूसरी सब्जी लेता था, तो तड़के के लिए टमाटर मिर्ची डाल कर दे देते थे, लेकिन अब यह मुमकिन नहीं हो पा रहा है।
बाजार के अनुरूप करें नवाचार तो मिले लाभ
कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि किसानों को भी बाजार की मांग के अनुसार चयन करके फसलें उगानी चाहिए। क्षेत्र में किसानों द्वारा पॉलीहाउस में अन्य सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है। वैसे ही टमाटर और मिर्ची की फसल का भी पॉलीहाउस में बाजार की मांग के अनुरूप उत्पादन करना चाहिए, जिससे किसानों को मुनाफा हो सके।
किसान करे तो क्या करे
एक तरफ किसान अधिक उपज कर मुनाफा कमाने की सोच के साथ टमाटर की पैदावार बढ़ा देते हैं, इससे क्षेत्र में बम्पर पैदावार होती है। लेकिन तब खरीददार नहीं मिलते। इससे किसान फिर पैदावार घटा देते हैं। इससे एकाएक दाम बढ़ जाते हैं। दाम बढऩे के बाद फिर अच्छे दाम कमाने के फेर में किसान उपज बढ़ा देता है। इसके बाद दाम नहीं मिलने से ठगा सा महसूस करता है। किसान सोचने पर मजबूर हो जाता है कि आखिर क्या करे।
यहां होती है टमाटर की बंपर पैदावार
क्षेत्र के ग्राम देवगांव, मनोहरपुरा, पीलिया,खतैपुरा, रामसिंहपुरा, महाराजपुरा, कचौलिया, किशनपुरा, ढिढ़ोल, पालावाला जाटान, दनाऊ कलां, नारदपुरा, नगराजपुरा आदि गांवों में टमाटर की बंपर पैदावार होती है।

संक्रमण का भी असर
किसान टमाटर की फसल कर तो ले, लेकिन इन दिनों संक्रमण के चलते अधिक फसल पैदा नहीं कर पा रहे हैं। उनका माल बाहर भी अधिक नहीं जा पा रहा है। किसानों को बाहर जाने पर संक्रमण का डर भी सता रहा है। अभी पैदावार से जरूरी अपनी जान बचाना है। इसके साथ बार-बार बदलता मौसम भी भाव बढ़ाने का काम कर रहा है। अभी इस क्षेत्र में अधिकतर बाजरा, मक्का, तिल, मूंगफली, दलहन की फसल आदि फसलें बोई जाती है। किसान बदल बदल कर फसलें करता है।
ऐसे बढ़ रहे हैं भाव
बाजार में दुकानों और फुटकर मण्डी में अब टमाटर 100 रुपए किलो तक बिक रहा है। लॉकडाउन यानी अप्रेल और मई तक 1 से 3 रुपए किलो तक भाव था। अभी ऑफ सीजन चल रहा है। इसलिए थोक भाव 900 रुपए कैरेट है। एक कैरेट में 25 किलो टमाटर आते हैं। ऐसे में 40 रुपए थोक में पड़ते हैं। 2 रुपए किलो आढ़त के हिसाब से महंगा हो गया। ऐसे में मार्केट में 100 रुपए किलो भाव चढ़ रहा है।

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