– हाइवे पर लेट का रास्ता भी रोका, लेकिन नहीं रुके वाहन चालकफागी/हरसूलिया (Drown). बरसात के मौसम में बहने वाली बाण्डी नदी पर बने एनिकट में डूबने (
Drown) से दो युवकों की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार ग्राम हरसूलिया निवासी कमलेश सैनी पुत्र बालुराम सैनी, गोविन्द सैनी पुत्र भंवर लाल सैनी और मोहन सैनी सहित चार युवक बाण्डी नदी के एनिकट (
Anicut) में नहाने के लिए तीन बाइक पर सवार होकर रवाना हुए थे। इनमें से एक युवक को घर पर काम होने के कारण वह वापस लौट गया। बुखार होने के कारण मोहन सैनी एनिकट के किनारे ही बैठ गया और उसके साथी कमलेश सैनी व गोविन्द सैनी पानी में कूद गए। इस दौरान एक युवक डूबने लगा दूसरे ने उसको बचाने का प्रयास किया, लेकिन दोनों ही एनिकट (
Anicut) में डूब गए।
कमर में प्लास्टिक की बोतल बांध कूदेमिली जानकारी के अनुसार दोनों युवक कमर में प्लास्टिक की बोतल बांधकर एकनिट में नहाने उतरे थे, लेकिन नहाने के दौरान एक युवक की बोतल निकल गई और वह डूबने लगा। दूसरे युवक ने उसको बचाने का प्रयास किया और वह भी उसके साथ डूब (
Drown) गया।
हाइवे पर लेट गया, लेकिन किसी ने नहीं की मददअपने दोस्तों को डूबता देख एनिकट (
Anicut) किनारे बैठा मोहन सैनी जोर-जोर से चिल्लाने लगा। लोगों से मोबाइल देने की भी गुहार की, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। वहां नहाने आए कुछ लोग तो मदद करने की बजाय वहां से भाग गए, लेकिन मोहन ने हिम्मत नहीं हारी, दोस्तों को बचाने के लिए वह जयपुर-मेगा हाइवे की सड़क के बीच लेट गया, लेकिन किसी ने वाहन नहीं (
Did not get help) रोका। इसके बाद वह वापस एनिकट (
Anicut) पर आया और दोस्त के कपड़ों की जेब से बाइक की चाबी निकालकर बाइक से हरसूलिया गांव पहुंचा और परिजनों को सूचना दी। हादसे की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे।
विसर्जित मूर्तियों के अवशेष बने संकटसूचना पर पहुंची जन सुरक्षा बल एवं राजस्थान आपदा सहायता बल की टीमों ने रेस्क्यू कर दोनों युवकों के शवों को करीब 4 घंटे में बाहर निकाला। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फागी में पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिए गए। डूबे (
Drown) युवकों को निकालने के लिए उतरे लोगों को एनिकट (
Anicut) में विसर्जित मूर्तियों के अवशेष से काफी परेशानी हुई। मूर्तियों के अवशेष उलझ कर कई लोगों को चोट भी लगी। बड़ी मुश्किल रेस्क्यू कर शवों को बाहर निकाला।
गांव में शोक, घर में मचा कोहरामदोनों युवकों की मौत की खबर (
Accident) सुनते ही गांव में शोक की लहर दौड़ (
Village mourning) गई। गांव को किसी के भी घर चूल्हे नहीं जले। युवकों के शव जैसे ही उनके घर पहुंचे घर में कोहराम मच गया। उनकी मां बार-बार बेहोश हो रही थी। बहनों को रो-रोकर बुरा हाल था। लोग पीडि़त परिवारों को ढाढ़स बंधाते रहे।