9 हजार हैं प्रभावित
प्रदेश में करीब 9 हजार शिक्षक इस नीति से प्रभावित हैं। चौंकाने वाली बात ये भी है कि इस नीति के लागू होने के बाद जब कुछ शिक्षकों ने कोर्ट की शरण ली तो शिक्षा विभाग को बेकफुट पर आना पड़ा और उन्हें अन्य शिक्षकों के भांति ही वेतनमान दिया जा रहा है। इनकी संख्या प्रदेश में 109 है। जबकि अन्य शिक्षक अपने समान वेतनमान के लिए चक्कर लगा रहे हैं। जबकि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार ‘समान काम समान वेतन’ भी दिया जाना चाहिए, लेकिन शिक्षा विभाग ऐसा नहीं कर रहा है।
नीति लागू होने के बाद समायोजित शिक्षक मुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा निदेशक तक गुहार लगा चुके हैं। वहीं श्रम कारखाना मंत्री टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर समायोजित शिक्षकों को समान वेतनमान देने की अभिशंसा की है।
इनका कहना है…
– राजकुमार बैरवा, संयोजक प्रदेश संघर्ष समिति