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सीसीटीवी कैमरों की नहीं सार संभाल , ‘तीसरी आंख’ एक साल से बंद

locationबगरूPublished: May 30, 2018 03:55:52 pm

Submitted by:

Ramakant dadhich

कस्बे में चौकसी को लेकर करीब दो वर्ष पूर्व लाखों रुपए की लागत से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, लेकिन कुछ ही दिनों में ये कैमरे बंद होकर अब शो पीस रह गए हैं।

cctv camera

सीसीटीवी कैमरों की नहीं सार संभाल , ‘तीसरी आंख’ एक साल से बंद

सांभरलेक. कस्बे में चौकसी को लेकर करीब दो वर्ष पूर्व लाखों रुपए की लागत से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, लेकिन कुछ ही दिनों में ये कैमरे बंद होकर अब शो पीस रह गए हैं। जानकारी अनुसार करीब दो वर्ष पहले सुरक्षा की दृष्टि से क्षेत्रीय विधायक निर्मल कुमावत ने कस्बे में कैमरे लगवाने के लिए विधायक कोष से पांच लाख रुपए स्वीकृत किए थे। लेकिन उसका लाभ जनता को नहीं मिल पाया। कस्बे के मुख्य मार्गों पर 13 कैमरे लगाए गए थे। कुछ ही दिनों में कैमरे खराब होना शुरू हुए जो एक-एक कर 13 कैमरों में से अब सिर्फ एक कैमरा ही सक्रिय है। शेष 12 कैमरे बंद पड़े हैं। जिसके चलते पुलिस को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

गौरतलब है कि एक साल से भी अधिक समय से बन्द पड़े इन सीसीटीवी कैमरों को दुरुस्त करवाने के लिए सीएलजी बैठक में कई बार मांग उठ चुकी है, लेकिन कार्यकारी एजेन्सी नगर पालिका होने के कारण पुलिस भी कुछ नहीं कर पा रही है। वहीं जिम्मेदारों के कानों पर जू तक नहीं रेंग रही तथा सीसीटीवी कैमरों की हाईटेक सुविधा को दुरुस्त कराने में दिलचस्पी नहीं दिखा रखे। जिससे साफ है कि जिम्मेदार अधिकारी कस्बे ओर लोगों की सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं है।

थानाधिकारी कई बार लिख चुके हैं पत्र
कस्बे में एक साल से भी अधिक समय से बन्द पड़े सीसीटीवी कैमरे को चालू करवाने के लिए पूर्व थानाधिकारी मांगीलाल चौधरी और वर्तमान थानाधिकारी लालसिंह यादव ने भी नगर पालिका अधिशासी अधिकारी को कई बार लिखित व मौखिक में समस्या के बारे मे अवगत करा चुके हैं। बावजूद इसके आज तक इन सीसीटीवी कैमरों को दुरुस्त नहीं कराया गया है। थानाधिकारी ने बताया 22 अगस्त 2017 को एक पत्र लिखा था, उसके बाद 4 सितंबर 2017 को अधिशासी अधिकारी को पत्र लिखकर अवगत कराया है। बावजूद इसके एकसाल से कैमरे बंद पड़े हैं। इससे सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने, निगरानी करने, संदिग्ध लोगों की पहचान करने और चोरी आदि की घटनाओं पर रोकथाम में काफी परेशानी होती है।

नगर पालिका है कार्यकारी एजेंसी
विधायक कोटे से स्वीकृत सीसीटीवी कैमरों के संचालन के लिए कस्बे में नगर पालिका को कार्यकारी एजेंसी बनाया गया था। अधिशासी अधिकारी व पुलिस के निर्देशानुसार ही चिन्हित स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। उनकी देखरेख का जिम्मा भी अधिशासी अधिकारी को दिया गया था, लेकिन जिस तरह एक साल से सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हैं इससे कार्यकारी एजेंसी की लापरवाही झलक रही है। इसके चलते कस्बेवासियों और पुलिस को सीसीटीवी कैमरों की सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

सीएलजी बैठक में उठा मुद्दा
गत दिनों अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) ज्ञानचंद यादव ने सांभर आकर सीएलजी मीटिंग ली थी, उसमें भी खराब सीसीटीवी कैमरों का मुद्दा उठा था। उन्होंने भी निर्देश दिए थे कि इन्हें शीघ्र ठीक करवाया जाए, जिससे कस्बे की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रहे, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। जब कैमरे लगाए गए थे तब जिम्मेदार एजेन्सी इसका मैंटेनेेंस भी नहीं करती थी और धीरे-धीरे सभी कैमरे खराब हो गए।

इन स्थानों पर लगाए थे सीसीटीवी
कस्बे में नावां तिराहे पर एक मूविंग बड़े कैमरे सहित तीन कैमरे लगाए गए थे, वहीं पांच बत्ती चौराहे पर चार कैमरे, तेली दरवाजे के पास एक, नकाशा मोहल्ले में एक, रेलवे स्टेशन पर एक, दरगाह के पास एक, रामलीला रंगमंच के पास एक और पुलिस थाने पर एक सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था। वहीं कस्बे में पंचायत समिति चौराहे, छोटा बाजार, पुलिस उपअधीक्षक कार्यालय, गोला बाजार, पुरानी तहसील सहित कई जगह कैमरे लगाने की और आवश्यकता थी, मगर प्रशासन द्वारा इन स्थानों पर भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं।
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