scriptफेज वायर की बचत, लगा रही चपत | electricy board for wire saving, getting waste of electricity | Patrika News

फेज वायर की बचत, लगा रही चपत

locationबगरूPublished: Jun 12, 2018 05:31:50 pm

Submitted by:

Kashyap Avasthi

बिजली बचाने लगाई एलईडी, लापरवाही से बर्बादी, 24 घंटे जल रही रोडलाइट

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फेज वायर की बचत, लगा रही चपत

चौमूं. राज्य सरकार की ओर से शहर में बिजली बचत एवं रात्रि में बेहतर रोशनी के लिए सोडियम लाइटों को बदलकर सड़कों व कॉलोनियों में लगाई गई एलईडी फायदे की जगह घाटे का सौदा साबित हो रही हैं। निजी कंपनी को जब एलईडी लगाने का काम दिया गया तो साथ ही इनकी सार-संभाल की भी जिम्मेदारी दी गई। लेकिन देखरेख नहीं होने के कारण कहीं लाइट बंद हैं तो कहीं दिनरात रोशनी दे रही हैं। वहीं नगरपालिका भी इसको लेकर गंभीर नहीं है। मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण बिजली बर्बाद हो रही है।
नगरपालिका क्षेत्र में प्रथम चरण में 6867 एलइडी लाइट एक निजी कम्पनी के जरिए लगवाई थी। वहीं कम्पनी की इन लाइटों की सात साल तक देख-रेख करने की भी जिम्मेदारी है। इतना ही नहीं, यदि किसी वार्ड या स्थान पर लगी एलइडी लाइट खराब हो जाती है तो कम्पनी को उसे 48 घंटे के भीतर दुरुस्त करवाना होगा। यदि कंपनी की ओर से इस काम में लापरवाही बरती जाती तो नगरपालिका प्रशासन नियमानुसार जुर्माना वसूल सकता है। पूरे कस्बे की बात करें तो सभी वार्डों व मुख्य मार्गों पर लगी 700 से अधिक लाइटें खराब पड़ी हैं वहीं 500 के करीब लगी एलईडी दिनभर जल रही हैं, जिससे पालिका पर आर्थिक भार बढ़ रहा है।
यहां रोशन नहीं राहें
रेलवे स्टेशन रोड, सामोद चौराहा, बस स्टैण्ड, तेजाजी मंदिर के पास लगी लगी रोडलाइट एवं हाईमास्ट में लगी कई एलईडी खराब पड़ी हैं। पार्षद कुसुम भातरा ने बताया कि मुख्य बाजार, नया बाजार, रावला चौक, जयपुर रोड आदि स्थानों पर 100 से अधिक एलइडी लाइट बंद हैं। रोड लाइट बंद होने से रात्रि में न सिर्फ आवाजाही में परेशानी होती है, बल्कि हादसे की आशंका बनी रहती है। सूत्रों के अनुसार एलइडी लाइट लगाने का मकसद बिजली बचत करना था, लेकिन हजारों की संख्या में लाइट चौबीस घंटे जलने से विद्युत उपयोग कम होने के बजाय बढ़ गया है। पालिका ने रोडलाइट समेत अन्य विद्युत कार्य के लिए एक कर्मचारी को भी नियुक्त कर रखा है।
पालिका ने भी खरीदी 500 लाइट
एलईडी लाइट लगने के बाद भी जब बाजारों एवं वार्डों में बेहतर प्रकाश व्यवस्था नहीं हो पाई और जिन स्थानों पर रोडलाइट नहीं लगी, वहां प्रकाश के लिए पालिका स्तर पर 500 लाइट क्रय की गईं एवं स्टैण्ड तैयार कराए गए। इनमें से 450 लाइट लगा दी गई तथा 50 को विशेष परिस्थितियों के लिए रख लिया।
निर्देश भी बेअसर
सूत्रों ने बताया कि स्वायत्त शासन विभाग की ओर से सभी पालिकाओं के अधिशासी अधिकारियों को आदेश दिए हुए हैं कि पालिका क्षेत्र में लगाई गई रोडलाइट (एलइडी) का निरीक्षण किया जाए कि इनकी वास्तविक स्थिति क्या है। कितनी रोडलाइट जलती हैं और कितनी बंद रहती हैं। इसकी रिपोर्ट निदेशालय में मांगी गई थी, लेकिन इस पर अब तक कार्य नहीं हो पा रहा है।

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