यहां 70 फीसदी सूख चुका पानी
भैंसलाना, भादवा, मुण्डोती, सुखालपुरा, अणतपुरा, प्रतापपुरा, लालासर, सलहदीपुरा, नांदरी, गुर्जरों का बास, श्यामपुरा, सिनोदिया, देवलीकलां, मीण्डा, मण्ढाभीमसिंह में 50 से 70 प्रतिशत ट्यूबवेल सूख चुके हैं। कट रहे बिजली कनेक्शन
बिजली निगम के आंकड़ों के अनुसार कस्बे सहित आसपास की 20 पंचायतों में वर्तमान में 4103 कृषि कनेकशन चालू हैं, जबकि 10 वर्ष के दौरान करीब 800 कृषि कनेक्शन कट चुके हैं।
भैंसलाना, भादवा, मुण्डोती, सुखालपुरा, अणतपुरा, प्रतापपुरा, लालासर, सलहदीपुरा, नांदरी, गुर्जरों का बास, श्यामपुरा, सिनोदिया, देवलीकलां, मीण्डा, मण्ढाभीमसिंह में 50 से 70 प्रतिशत ट्यूबवेल सूख चुके हैं। कट रहे बिजली कनेक्शन
बिजली निगम के आंकड़ों के अनुसार कस्बे सहित आसपास की 20 पंचायतों में वर्तमान में 4103 कृषि कनेकशन चालू हैं, जबकि 10 वर्ष के दौरान करीब 800 कृषि कनेक्शन कट चुके हैं।
किसानों पर दोहरी मार
एक ओर पानी की कमी से खेत वीरान हो रहे है। वहीं दूसरी ओर बिजली के बिल की किसानों पर मार पड़ रही है। पहले भरपूर पानी था तो 15 से 20 नोजल फव्वारें रोजाना चलते थे। अब मात्र 4 से 5 चलते हैं, लेकिन मोटर चलने से यूनिट पूरा निकालती है। इससे बिल पूरा आता है। किसानों का कहना है कि पानी की आवक कम हुई तो उसी अनुपात में बिल आना चाहिए।
एक ओर पानी की कमी से खेत वीरान हो रहे है। वहीं दूसरी ओर बिजली के बिल की किसानों पर मार पड़ रही है। पहले भरपूर पानी था तो 15 से 20 नोजल फव्वारें रोजाना चलते थे। अब मात्र 4 से 5 चलते हैं, लेकिन मोटर चलने से यूनिट पूरा निकालती है। इससे बिल पूरा आता है। किसानों का कहना है कि पानी की आवक कम हुई तो उसी अनुपात में बिल आना चाहिए।
एक दशक में 30 प्रतिशत घटा सिंचित क्षेत्र
कृषि विभाग केे अनुसार पिछले दस वर्ष के दौरान क्षेत्र का 30 प्रतिशत सिंचित क्षेत्र कम हुआ है। सहायक कृषि अधिकारी श्रवण लाल ने बताया कि वर्ष 2016 में कुल 18986 हैक्टेयर भूमि में 4642 हैक्टेयर सिंचित था। अब यह आंकड़ा करीब 30 फीसदी तक घट गया है।
कृषि विभाग केे अनुसार पिछले दस वर्ष के दौरान क्षेत्र का 30 प्रतिशत सिंचित क्षेत्र कम हुआ है। सहायक कृषि अधिकारी श्रवण लाल ने बताया कि वर्ष 2016 में कुल 18986 हैक्टेयर भूमि में 4642 हैक्टेयर सिंचित था। अब यह आंकड़ा करीब 30 फीसदी तक घट गया है।