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यहां आधी रात को होता है यह काम, जानकर हैरान हो जाएंगे आप

locationबगरूPublished: Jun 22, 2018 05:44:55 pm

Submitted by:

Ramakant dadhich

कालवाड़ रोड पर हवा हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश

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यहां आधी रात को होता है यह काम, जानकर हैरान हो जाएंगे आप

कालवाड़ (जयपुर). सुप्रीम कोर्ट द्वारा बजरी के खनन पर रोक के आदेशों के बावजूद जयपुर के समीप कालवाड़ रोड मिलीभगत के चलते बजरी माफियाओं की शरण स्थली बन गया है यहां रात के साथ-साथ दिन में भी दूर दराज से बजरी से भरे ट्रक व ट्रेलर अवैध परिवहन कर आते हैं। इसके बावजूद पुलिस व प्रशासन के उच्चाधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। कालवाड़ रोड जयपुर-फलौदी मेगा हाइवे पर स्थित यह मार्ग जयपुर सहित स्थानीय क्षेत्र में अवैध रूप से बजरी आपूर्ति के लिए महफूज माना जाता है। अवैध बजरी परिवहन से चांदी कूटने का खेल मुख्य रूप से आधी रात बाद शुरू होता है। जयपुर-फलौदी मेगा हाइवे से खुले ट्रकों के अलावा त्रिपाल से ढके बड़े ट्रेलर बजरी लेकर आते है।
ट्रकों से आती, ट्रैक्टर ट्रॉली से जाती
ट्रक व टे्रलर में आने वाली बजरी को तथाकथित ठेकेदार या फिर बजरी माफिया खुदरा रूप से बेचते है। दिन में यह बजरी मांग के अनुसार ट्रैक्टर ट्रॉली व मिनी ट्रकों से गंतव्य तक पहुंचाई जाती है। निर्माण स्थल पर बजरी पहुंचाने की पूरी जिम्मेदारी बजरी माफिया लेते है। चौंकाने वाली बात है कि सुप्रीम कोर्ट के रोक के आदेशों के बावजूद इतनी भारी मात्रा में बजरी कहां से आ रही है।
यह अवैध बिक्री की गणित
ट्रेलर-60 टन, दस धुरी ट्रक- 40 से 46 टन, बारह धुरी ट्रक-55 टन, डम्पर-35 टन बजरी परिहवन कर लाए जा रहे है। जब बजरी पर रोक नहीं लगी थी तब 700-800 रुपए टन बजरी की रेट थी जो अब ब्लेक में 1200-1300 रुपए टन की दर से बेची जा रही है। यह बजरी कालवाड़ रोड मासी, बनास की बजरी वाया दूदू, नरैना, फुलेरा, जोबनेर होते हुए कालवाड़ रोड आती है, वहीं नागौर, अजमेर के पुष्कर क्षेत्र, जौधपुर व बीकानेर से भी नदियों की बजरी अवैध रुप से यहां आ रही है।
स्टॉक की बजरी होने का करते दावा
लोगों का आरोप है कि कालवाड़, हाथोज, गोविन्दपुरा आदि स्थानों पर अवैध बजरी की मंडी लगी है, लेकिन कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही। कालवाड़ व इसके आस पास में जिस जगह पर बजरी के ढेर लगे हुए हैं उन पर मालिकाना हक जताने वाले लोग स्टॉक की बजरी होने का दावा करते है वहीं इसे खनिज विभाग की स्वीकृति से रखने की बात भी कहते हैं।
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