एसीबी के सीआई रणजीत सिंह ने बताया कि 28 मार्च को परिवादी सुरेश कुमार जाट व शंकर लाल ने पटवारी के खिलाफ शिकायत दी थी कि जमाबंदी व गिरदावरी की नकल देने की एवज में सात हजार रुपये मांग रहा है।
इस पर 3 अप्रेल को एसीबी ने शिकायत का सत्यापन किया तथा इसके बाद शुक्रवार को ट्रेप आयोजित किया। परिवादी द्वारा रिश्वत की सात हजार रुपए की राशि देने के बाद एसीबी की टीम ने पटवारी फूलचंद को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई 12 बजे से शुरू हुई जो शाम तक चली। शाम को एसीबी टीम पटवारी को जयपुर ले गई।
इस पर 3 अप्रेल को एसीबी ने शिकायत का सत्यापन किया तथा इसके बाद शुक्रवार को ट्रेप आयोजित किया। परिवादी द्वारा रिश्वत की सात हजार रुपए की राशि देने के बाद एसीबी की टीम ने पटवारी फूलचंद को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई 12 बजे से शुरू हुई जो शाम तक चली। शाम को एसीबी टीम पटवारी को जयपुर ले गई।
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गांव में आई एसीबी, दौड़े लोग
जैसे ही गांव के अलट सेवा केन्द्र में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्रवाई की सूचना ग्रामीणों को लगी तो लोग कार्रवाई के दौरान या तो बाहर खड़े रहे या फिर खिड़की दरवाजों के बाहर खड़े होकर कार्रवाई देखने लगे। इस बीच रिश्वत लेते गए पटवारी के परिजन भी मौके पर पहुंचे।
गांव में आई एसीबी, दौड़े लोग
जैसे ही गांव के अलट सेवा केन्द्र में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्रवाई की सूचना ग्रामीणों को लगी तो लोग कार्रवाई के दौरान या तो बाहर खड़े रहे या फिर खिड़की दरवाजों के बाहर खड़े होकर कार्रवाई देखने लगे। इस बीच रिश्वत लेते गए पटवारी के परिजन भी मौके पर पहुंचे।
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तबादले के बाद भी मांगी रिश्वत
जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार पटवारी करीब पांच वर्षों से जयसिंहपुरा शेखावतान पंचायत में कार्यरत था। उसका 20 फरवरी को पंचायत सिरसली के अटल सेवा केन्द्र में तबादला हो गया था लेकिन इसके बाद भी जमाबंदी व गिरदावरी की नकल के बहाने रिश्वत की मांग कर रहा था। वह चतरपुरा ग्राम पंचायत का निवासी है।
तबादले के बाद भी मांगी रिश्वत
जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार पटवारी करीब पांच वर्षों से जयसिंहपुरा शेखावतान पंचायत में कार्यरत था। उसका 20 फरवरी को पंचायत सिरसली के अटल सेवा केन्द्र में तबादला हो गया था लेकिन इसके बाद भी जमाबंदी व गिरदावरी की नकल के बहाने रिश्वत की मांग कर रहा था। वह चतरपुरा ग्राम पंचायत का निवासी है।