जैन मंदिर में उभरी नाग-नागिन की आकृति, चमत्कार समझ दर्शन करने उमड़े लोग माध्यमिक शिक्षा में रिक्त पदों पर संविदा शिक्षक लगाने के आदेश दिए गए, लेकिन प्रारंभिक शिक्षा में एेसा आदेश नहीं है। जानकारों का कहा है कि विद्यालयों में शिक्षक नहीं होंगे और ग्रामीण तालाबंदी करेंगे तो इसमें जिम्मेदारी संस्थाप्रधान की नहीं, बल्कि राज्य सरकार की होनी चाहिए। माध्यमिक शिक्षा में तो लगभग पूर्ति हो गई है, लेकिन प्रारंभिक शिक्षा में अभी शिक्षकों की कमी है। ऐसे भी कई उच्च प्राथमिक विद्यालय है, जिसमें महज दो शिक्षक है। कई स्कूलों में संस्थाप्रधान भी नहीं है। शिक्षक ने बताया कि प्रांरभिक शिक्षा में तालाबंदी की एक ही वजह है, शिक्षकों की कमी। जनसमुदाय तालाबंदी करने से पहले कई बार अधिकारियों को अवगत कराते हैं, समाधान नहीं होने पर तालाबंदी की नौबत आती है। अगर शिक्षकों के पद रिक्त है तो ऐसे में संस्थाप्रधानों पर जिम्मेदारी डालना अनुचित है।
सावन के पहले सोमवार को महाकाल निकले वन भ्रमण पर ऐसा है सरकारी फरमान माध्यमिक शिक्षा निदेशक बीएल स्वर्णकार व जेसी पुरोहित ने लिखा कि विद्यालयों में तालाबंदी की सूचनाएं मिली है। विभाग की ओर से पदोन्नति एवं सीधी भर्ती कर शिक्षकों के पदस्थापन किए हैं। इसके अलावा रिक्त पद भरने के लिए सेवानिवृत्त कार्मिकों को लगाने की स्वीकृति दी है। रिक्त पद के नाम पर तालाबंदी नहीं होनी चाहिए। संस्थाप्रधान का दायित्व होगा कि जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क में रहे और तालाबंदी की स्थितियां नहीं होने दे। प्रयासों के अभाव में तालाबंदी होने पर संस्थाप्रधान एवं शिक्षक जिम्मेदार होंगे। उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
व्यवस्था करेंगे विद्यालयों में शिक्षक नहीं होने पर संस्थाप्रधानों की जिम्मेदारी है कि वह डीईओ कार्यालय में अवगत कराए। अगर एेसी समस्या किसी विद्यालय में आ रही होगी वहां शिक्षकों की व्यवस्था कराई जाएगी।
नारायण प्रजापत जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा