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नमूना लेकर खली करवाई टंकी
पानी की टंकी मेें झांककर देखा तो फसल मेें मिलाए जाने वाली एलड्रिन दवा का ढक्कन तैर रहा था। इस पर ढाणी के लोगों ने गोविन्दगढ़ थाना पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पानी की टंकी में विषाक्त पदार्थ पाया गया। पुलिस ने पानी का नमूना लेकर टंकी को खाली करवाकर लाल दवा से तीन चार धुलवाकर फिर से पानी भरवाया। भैंरूराम ने बताया कि सोमवार रात करीब 12 बजे उसने टंकी में बोंरिग से पानी भरा और वह सोने चला गया। सुबह जब पानी का रंग सफेद दिखा तो विषाक्त पदार्थ मिलाए जाने की घटना का पता चला।
नमूना लेकर खली करवाई टंकी
पानी की टंकी मेें झांककर देखा तो फसल मेें मिलाए जाने वाली एलड्रिन दवा का ढक्कन तैर रहा था। इस पर ढाणी के लोगों ने गोविन्दगढ़ थाना पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पानी की टंकी में विषाक्त पदार्थ पाया गया। पुलिस ने पानी का नमूना लेकर टंकी को खाली करवाकर लाल दवा से तीन चार धुलवाकर फिर से पानी भरवाया। भैंरूराम ने बताया कि सोमवार रात करीब 12 बजे उसने टंकी में बोंरिग से पानी भरा और वह सोने चला गया। सुबह जब पानी का रंग सफेद दिखा तो विषाक्त पदार्थ मिलाए जाने की घटना का पता चला।
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गनीमत रही कि ढाणी के लोगों ने विषाक्त मिले पानी का उपयोग नहीं किया वरना बड़ा हादसा हो सकता था। पानी की टंकी मकान से करीब 200 मीटर दूरी पर थी। ऐसे में अलसुबह किसी ने भी पानी का उपयोग नहीं किया वरना अनहोनी हो सकती थी। ज्ञात रहे कि कस्बा थाना क्षेत्र के ग्राम बागड़ों का बास मेें एक ही परिवार के 11 लोग अस्पताल में दूषित भोजन के सेवन से भर्ती हुए थे, जिसमें एक जने की मौत हो गई थी। ग्रामीणों की सजगता से पानी में विषाक्त का पता लगने से हादसा टल गया।
गनीमत रही कि ढाणी के लोगों ने विषाक्त मिले पानी का उपयोग नहीं किया वरना बड़ा हादसा हो सकता था। पानी की टंकी मकान से करीब 200 मीटर दूरी पर थी। ऐसे में अलसुबह किसी ने भी पानी का उपयोग नहीं किया वरना अनहोनी हो सकती थी। ज्ञात रहे कि कस्बा थाना क्षेत्र के ग्राम बागड़ों का बास मेें एक ही परिवार के 11 लोग अस्पताल में दूषित भोजन के सेवन से भर्ती हुए थे, जिसमें एक जने की मौत हो गई थी। ग्रामीणों की सजगता से पानी में विषाक्त का पता लगने से हादसा टल गया।