एसपी ने बताया कि सूचना पाकर काफी संख्या में आक्रोशित ग्रामीण एकत्रित हो गए। वनकर्मी भी मौके पर पहुंचे। आक्रोशित ग्रामीणों ने वनकर्मियों पर पथराव कर दिया। पथराव में वन दरोगा समेत 5 वनकर्मी घायल हुए हैं। वन विभाग के एक वाहन को भी ग्रामीणों ने पलटकर कुछ वाहनों में तोड़फोड़ की है। उन्होंने बताया कि रात में 2 वन दरोगा लापता बताए गए थे, जो कि सुबह वापस आ गए हैं। दरअसल, ये दोनों ग्रामीणों के हमले से बचने के लिए झाड़ियों के पीछे छिप गए थे।
अभी भी मौके पर सैकड़ों ग्रामीण एकत्रित हैं। गांव में तनाव बना हुआ है। एसपी ने बताया कि 7 वन रेंजों के वनकर्मी, पुलिस उपाधीक्षक व आसपास के थानों की पुलिस घटनास्थल पर कैम्प कर रही है। प्रभागीय वनाधिकारी यशवंत सिंह ने शुक्रवार को बताया कि ग्रामीणों ने वन विभाग के एक फॉरेस्टर को बंधक बनाकर उसकी पिटाई भी की है। सिंह ने बताया कि सुबह बच्ची का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ है। माहौल को शांत करने के लिए शव के शीघ्र पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल प्रशासन से आग्रह किया गया है।
ग्रामीणों को शांत कराने का प्रयास जारी
साथ ही ग्रामीणों को समझाने की कोशिशें जारी हैं। ग्रामीणों द्वारा वन विभाग की सलाह न मानने के कारण भी इस तरह की घटनाएं हो जाती हैं। ग्रामीणों को जंगल से सटे इलाके में बच्चों को न ले जाने और समूह में ही घरों से निकलने की सलाह दी जाती रही है। डीएफओ ने कहा कि फिलहाल ग्रामीण आक्रोशित हैं। उन्हें समझा-बुझाकर और पुलिस की सहायता से शांत करने का प्रयास जारी है। घटना गंभीर है, सरकारी कर्मियों पर हमला हुआ है तो बाद में इस संबंध में रेंज केस व पुलिस केस दर्ज कराया जाएगा।