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काले कौए का छाया आतंक, कई लोगों को किया घायल

locationबहराइचPublished: Oct 13, 2017 03:08:01 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

बहराइच के थाना खैरी घाट इलाके में पिछले कई दिनों से एक काले कौए का आतंक बुरी तरह मड़रा रहा है।

Black crow shadow horror in behraich

बहराइच. अभी तक आपने पागल कुत्तों, शियार के साथ ही तमाम तरह के जंगली जानवरों के आतंक की घटनाओं के वाकिए सुने और देखे होंगे, लेकिन सीमावर्ती जिले बहराइच के थाना खैरी घाट इलाके में पिछले कई दिनों से एक काले कौए का आतंक बुरी तरह कायम है।

आलम ये है कि कौए की दहशत के मारे आस पास के ग्रामीण घर से निकलने में घबरा रहे हैं। पत्रिका उत्तर प्रदेश को मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक थाना खैरी घाट अंतर्गत ग्राम पंचायत बकैना के रहने वाले कई बाशिंदों ने इस बात की जानकारी दी कि पूरे इलाके में पिछले कई दिनों से एक काला कौआ इलाके के लोगों के लिये खतरे का कारण बना हुआ है। गांव में मड़रा रहे हमलावर कौए ने अब तलक गांव के ग्रामीणों सहित रास्ते से निकलने वाले सैकड़ों राहगीरों को अपनी चोंच से बुरी तरह घायल कर चुका है।

लोगों को घायल कर बिजली के खम्भे पर बैठ जाता

बकैना गांव के रहने वाले राधेश्याम शर्मा, रामकुमार, कुलदीप और दीपक ने बताया कि काले कौए का आतंक इलाके में बुरी तरह कायम है। एक-एक ग्रामीण को कई कई बार अपनी नुकीली टोंट से घायल कर चुका है। घायलों में लवकुश शर्मा, हरीश अवस्थी, पूरन, पवन, गोविन्द, दुर्गा प्रसाद व अकील अहमद सहित तमाम लोग भी शामिल हैं। जिनको काला कौआ अपना शिकार कई बार बना चुका है।

इस मामले की जानकारी देते हुए स्थानीय निवासी कुलदीप, ध्रुव व शिवपूजन ने बताया कि इलाके में दहशत का सबब बना काला कौआ रौनक अली के घर के पास लगे गूलर के पेड़ को अपना आशियाना बनाए हुए है जहां राह से गुजरने वालों के सर पर अपना चोंच मार कर घायल करने के बाद सीधे बिजली के खम्भे पर जाकर बैठ जाता है। सबसे ज्यादा खराब हालत हरीश अवस्थी और पूरन की हो चुकी है। जिनके ऊपर अनगिनत बार हमला कर घायल कर चुका है। इस घटना से इलाके के लोग बुरी तरह सहमें हुए हैं। लोग कौए की दहशत से घर से निकलने में बुरी तरह घबरा रहे हैं।

कब तक दूर होगा ग्रामीणों का भय

कुछ लोगों का कहना है कि जब तक कौआ पकड़ा नहीं जाता तब तक गांव छोड़ने की मंसा बना रहे हैं। गांव के लोगों के साथ ही मोटर साईकिल से निकलने वालों के ऊपर सीधे ये कौआ हमला बोलता है और उसके बाद बिजली के खंभे या फिर स्थानीय निवासी मुस्तकीम की छत के ऊपर बैठ कर दूसरे शिकार की फ़िराक में रहता है। अब देखना यह है कि यहां के ग्रामीणों का भय कब तक दूर होता है।

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