जानकारी के मुताबिक इलाके में मादा तेंदुआ अपने कई शावकों के साथ कतर्नियां जंगल से भटक कर आबादी वाले इलाके थाना रामगांव क्षेत्र में अपना बसेरा बनाकर इलाके के लोगों के लिये मुसीबत का सबब बनी हुयी थी, जिसकी दहाड़ से आस पास के लोगों के दिन का चैन और रातों की नींद पूरी तरह छिन चुकी थी थी।
आबादी वाले इलाके में आदमखोर बाघ की दस्तक का पता उस समय लगा जब पहली बार आजाद नगर इलाके की रहने वाली एक 6 वर्षीय शिवानी नाम की बच्ची को ये आदमखोर अपने जबड़े में दबोचकर घर के सामने से फरार हो गया। उसके बाद मुकेरिया गांव के रहने वाले एक 9 वर्षीय मासूम संजय को अपना शिकार बनाने के बाद ये आदमखोर आस पास के तमाम मवेशियों को अपना शिकार बना रहा था। जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल छाया हुआ था।
इसी कड़ी में बीते शुक्रवार को मादा तेंदुआ के साथ घूम रहा एक शावक भटक कर आबादी वाले इलाके में पहुंचा, जिससे ग्रामीणों में अफरातफरी का माहौल छा गया और तत्काल वन महकमें की टीम को मौके पर बुलवाकर बाघ के शावक को पकड़वा कर उसे लखनऊ प्राणी उद्यान भिजवा दिया गया। वहीँ वन विभाग की टीम ने आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिये रेहूआ मंसूर गांव में लोहे का पिंजरा लगाया था जिस पिंजरे में लगाये गए शिकार को पकड़ने के लिये जैसे ही आदमखोर तेंदुआ पिंजरे के अंदर दाखिल हुआ। तत्काल पिंजरे का शटर गिरते ही आदमखोर तेंदुआ लोहे के पिंजरे में फड़फड़ाते हुए मौके पर ही कैद हो गया। पिंजरे में कैद होते ही बाघ की दहाड़ से पूरा इलाका थर्रा गया और देखने वालों का जमावड़ा लग गया।