गंभीर अपराधों पर शिकंजा कसने के मकसद से बनी क्राईम ब्रांच की टीम की एक ताजा करतूत ने महकमें में बदनामी का एक नया दाग लगा डाला है।
बहराइच. गंभीर अपराधों पर शिकंजा कसने के मकसद से बनी क्राईम ब्रांच की टीम की एक ताजा करतूत ने महकमें में बदनामी का एक नया दाग लगा डाला है।
उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में तैनात पुलिस महकमें की क्राईम ब्रांच टीम पर नकली नोट के कारोबारियों से मोटी रकम की डीलिंग कर नकली नोट के संचालन को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी को पकड़ने के बाद पुलिस कस्टडी से फरार कराने का सनसनी खेज का मामला सामने आया है। जिससे एक बार फिर वर्दी वालों की करतूत से यूपी पुलिस की खाकी पर बदनामी के गहरे दाग का ठप्पा चस्पा हो गया है। इस मामले का खुलासा होने के बाद श्रावस्ती जिले के पुलिस अधीक्षक हेमन्त कुटियाल ने तत्काल प्रभाव से क्राईम ब्रांच में तैनात कलीमुद्दीन, राकेश यादव और जितेंद्र सिंह पर कार्रवाही की सख्त कलम चलाते हुए आरोपी तीनों पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक श्रावस्ती जनपद के क्राईम ब्रांच में तैनात रहे उपरोक्त सिपाहियों ने बीते 29 मई को भिनगा इलाके में बन रही जिला जेल के पास से लगभग 4 लाख रूपये के नकली नोट की खेप के साथ सिरसिया इलाके के जगन्नाथ पुरवा गांव के रहने वाले लल्लू राम पुत्र दुखीराम सहित 2 लोगों को नकली नोट की भारी खेप के साथ गिरफ्तार किया। जिसमें एक आरोपी को जेल भेजते हुए मोटी रकम की डीलिंग कर मुख्य आरोपी को कस्टडी से फरार कराने में अपना अहम रोल अदा किया। जिसकी जानकारी जब श्रावस्ती जिले के पुलिस अधीक्षक को हुयी तो उन्होंने पूरे प्रकरण की प्रमुखता से जांच करायी जिसमें जांच की कार्रवाही में आरोपी पुलिस कर्मियों की मिलीभगत का मामला उजागर हुआ है। जिससे महकमें में हड़कंप की स्थिति बनी हुयी है।