सोनवा क्षेत्र में स्थित लक्ष्मणनगर के पास बने दो पुलों में से एक पुल बाढ़ के सैलाब में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे लोगों को आवागमन के लिये काफी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है । जिलाधिकारी श्रावस्ती दीपक मीणा ने बताया की श्रावस्ती मुख्यालय को बहराइच से जोड़ने वाले संपर्क मार्ग के टूटने के चलते राहगीरों को बगल के संपर्क मार्ग से निकालने का प्रबन्ध किया गया है। संपर्क मार्ग को सुरक्षित रखने के लिये जिला प्रसासन के साथ PWD विभाग की टीम मौके पर राहत और बचाव कार्य के अभियान में जुटी हुयी है। वहीँ तराई के मैदानी क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश से राहत और बचाव कार्य बुरी तरह प्रभावित है।
पहाड़ों पर पिछले 48 घंटे से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से नेपाल राष्ट्र में बहने वाली भादा, कौड़ियाला सहित कई नेपाली नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच गया है। मैदानी क्षेत्र की राप्ती और सरयू नदी के जलस्तर में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। नेपाल से अचानक पानी छोड़े जाने के कारण बचाव और तराई के जिलों में राहत और बचाव कार्य में जिला प्रसासन की टीम को कड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
सबसे भयावह स्थित श्रावस्ती जिले में नजर आ रही है। यहाँ सड़के बाढ़ में डूबी दिख रही हैं वहीं सैकड़ों गांव बाढ़ की धारा में टापू की शक्ल में तब्दील हो गए हैं। 150 से ज्यादा गांव जलमग्न हैं जिनका जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। लोग बाढ़ से बचने के लिये अपने मकानों की छतों पर डेरा डाल राहत और बचाव के लिये चीख पुकार लगा रहे हैं। पानी के तेज बहाव से सोनवा क्षेत्र में बहराइच-भिनगा फोरलेन मार्ग पर बना पुल मौके पर ढह गया है। राहगीरों को बगल के दूसरे पुल से किसी तरह निकाला जा रहा है, जिसपर भारी वाहनों का आवागमन पुल में पड़ती दरारों की वजह से तत्काल रोक दिया गया हैं। इस प्राकृतिक आपदा के चलते लक्ष्मणनगर क्षेत्र में हाहाकार मच गया है।