खेसारी दाल की खेप बरामद
बहराइच-गोंडा हाइवे पर सेंट नारबर्ट स्कूल के सामने अवैध रूप से मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में मिलावट का काम हो रहा था। मौके से तैयार 5 क्विंटल बेसन भी बरामद हुआ है। दाल और बेसन के नमूने जांच के लिए भेज दिए गए है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारी मात्रा में बरामद खेसारी दाल को पिसवाकर बेसन में मिलावट कर खुले बाजार में नकली बेसन बेचने का कारोबार किया का रहा था। जिसकी गोपनीय सूचना पर खाद्य विभाग की टीम ने मौके पर औचक छापेमारी कर भारी मात्रा में खेसारी दाल की खेप को बरामद किया है।
एक अवैध मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में मिलावट का काम
जिला खाद्य अधिकारी कौशलेंद्र शर्मा ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि बहराइच-गोंडा रोड पर स्थित एक अवैध मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में मिलावट का काम हो रहा है। जिस सूचना पर दल बल के साथ मौके पर छापेमारी की। गोदाम की बारीकी से जांच करने पर 41 बोरी में छुपा कर रखी गई प्रतिबंधित खेसारी दाल बरामद हुई। यह तकरीबन 21 क्विंटल है। उन्होंने बताया कि इस दाल को खाने से लकवा व कपकपी जैसी बीमारी हो जाती है।
सरकार ने इस दाल पर 1960 में लगाया था प्रतिबंध
इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने इसकी बिक्री पर वर्ष 1960 से ही प्रतिबंध लगा रखा है। सस्ती होने के चलते मुनाफाखोर इसकी मिलावट चोरी छिपे बेसन में करते है। मौके से 50-50 किलो की बेसन की तैयार दस बोरी भी बरामद हुई। बरामद खेसारी दाल की कीमत लगभग एक लाख दस हजार व तैयार पांच क्विंटल बेसन पैतीस हजार रुपए का है। शर्मा ने बताया कि श्याम ट्रेडर्स के नाम से इसका संचालन संजय अग्रवाल के पास है। छापेमारी के दौरान कर्मी फरार हो गए। खेसारी दाल व बेसन का नमूना एकत्र कर जांच के लिए भेज दिया गया है।