ये भी पढ़ें – गूगल ने दी चेतावनी, अमौसी एयरपोर्ट के आसपास बनी इन चीजों से है खतरा
महसी तहसील के तमाम गांव का संपर्क मुख्य मार्ग से कट गया है, लोग पानी से जद्दोजहद करके अपनी दैनिक दिनचर्या को व्यतीत कर रहे हैं। आस-पास ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह भारी जलभराव के कारण जहां लोगों का आवागमन बाधित हो गया है। वहीं घाघरा और सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण कुछ ग्रामीण लोगों के छप्पर युक्त घर गिर चुका है और कुछ लोगों के घर गिरने के कगार पर आ गए है। इसके साथ ही लोगों के पास ईंधन न होने से भोजन बनाने की समस्याएं भी सामने खड़ी हो गई है और लोगों को खाने पीने के सामानों के लिए भी काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है, जिससे वहां के लोगों को समय से भोजन भी नहीं मिल पा रहा है। कर नकहरा गांव के बसंतलाल पुरवा, राधेपुरवा, दुलारेपुरवा सहित अन्य कई मजरों के संपर्क मार्ग पर पानी आ चुका है।
लोगों का कहना है कि सूचना के बावजूद जिला प्रसासन का कोई भी अफसर अभी तक मौके की तरफ झांकने नहीं आया। महसी तहसील के लगभग 12 गांव में जलभराव की सूचना पर SDM द्वारा नाव के माध्यम से पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों की तरफ शिफ्ट करने के लिए विभागीय कर्मियों को निर्देश दिया गया है। इसके बादजूद भी यहां का प्रशासन लोगों की समस्याओं को सुलझाने के लिए कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
ये भी पढ़ें – मानसून से बढ़ रही बीमारी, रोज अस्पताल पहुंच रहे बुखार के मरीज
कटान के मुहाने पर मकान
महसी तहसील के ग्राम पंचायत कोरहवा में जलस्तर बढ़ने के साथ ही घाघरा नदी ने कटान का सिलसिला भी बड़ी तेजी से करना शुरू कर दिया है। जिससे वहां के ग्रामीणों में चिंताएं बढ़ने लगी है। कटान के मुहाने पर रामचंदर, जगदंबा प्रसाद, विजय कुमार आदि ग्रामीणों के मकान जद में आ गए हैं। जबकि तहसील क्षेत्र के दर्जनों ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों के मकान कटान के मुहाने पर हैं। जिससे उन लोगों में भय व्याप्त रहता है कि कब घाघरा मैया की नजर टेढ़ी हो जाए और हम लोगों के मकान कटने लगे। घूरदेवी स्तर पर 112.135 के सापेक्ष 110.950 सेमी रिकॉर्ड किया गया यहां घाघरा जो खतरे के निशान से 1.40 सेमी नीचे बह रही है।
तहसीलदार ने की अपील
तहसीलदार राजेश कुमार वर्मा में बताया की जिन ग्रामीणों के मकान पूर्व में कट गए थे। उनको अहेतुक सहायता राशि उपलब्ध करा दी गई है। नदी के मुहाने पर बसे ग्रामीणों को सुरक्षा के मद्देनजर ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की अपील की जा रही है। ताकि वह ऊंचे स्थानों पर जाकर इस बाढ़ के पानी से होने वाली समस्याओं के छुटकारा पा सकें। जब तक घाघरा व सरयू का तलस्तर कम नहीं हो जाता तब तक वहां के लोग ऊंचे स्थानों पर ही जाकर रहें जिससे लोगों की समस्याएं हल हो सकें।