प्रदेश सरकार जनजन को स्वस्थ्य रखने हेतु प्रतिबद्ध है इसलिए सरकार द्वारा जन-जन को तमाम स्वास्थ्य सुविधाएं निःशुल्क मुहैया कराई जा रही हैं। इसलिए स्वस्थ्य विभाग के चिकित्सकों से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ का फर्ज बनता है कि वे अस्पताल में आने वाले हर मरीजों को समय से सभी स्वास्थ्य सुविधाओं को मुहैया कराए। इसके साथ ही भर्ती मरीजों को गुणवत्ता पूर्ण भोजन भी दिया जाए। यदि औचक निरीक्षण के दौरान फिर कोई कमी पाई गई तो निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी।
नोडल अधिकारी नेे निरीक्षण के दौरान जब दवा स्टाक पंजिका का निरीक्षण किया तो स्टाक आंकन न पाने पर चकित रह गये। इतना ही नहीं दवाओं के रैपरों पर नाट फार सेल की मोहर भी नहीं लगी थी। इससे नाराज सचिव ने फार्मासिस्ट डॉ. डीएन शुक्ला को कड़ी फटकार लगाई तथा उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ ही वेतन रोकने का भी निर्देश दिया है। पोषण एवं पुनर्वास केंद्र के निरीक्षण के दौरान वहां की व्यवस्था भी अस्त-व्यस्त पाए जाने पर वार्ड में तैनात स्टाफ नर्स ममता को भी कड़ी फटकार लगाते हुए ढंग से कार्य करने की नसीहत दी है।
नोडल अधिकारी ने डेढ़ माह पूर्व नयी आई डिजिटल एक्सरे मशीन को स्थापित न करने से भी नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को तत्काल एक्सरे मशीन की स्थापना का निर्देश दिया है, ताकि मरीजों को इस सुविधा का लाभ मिल सके। तदोपरांत सचिव ने अल्ट्रासाउंड कक्ष, पैथालोजी, महिला एवं पुरुष वार्ड व शौचालयों का भी निरीक्षण किया तथा शौचालय के बाहर पुरुष/महिला की पट्टिका न लगाए जाने पर भी उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए उपस्थित सीएमएस को वहां पट्टिका लगवाने का निर्देश दिया है।
इस दौरान सचिव ने मरीजों से भी उनका कुशल हाल जाना तथा उनके साथ आए तीमारदारों से भी गांव में चल रहे विकास कार्यों के बारे में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में ही टूटी व्हील चेयर पाए जाने पर उन्होने सीएमएस को पुनः फटकार लगाते हुए सभी व्यवस्थाओ को ढर्रे पर लाने का निर्देश दिया है।
जिला अस्पताल के निरीक्षण के बाद सचिव ने विकास भवन का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान यह ज्ञात हुआ कि विकास भवन का निर्माण कराने वाली कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम द्वारा अभी भी कई कार्य अवशेष हैं। जिसे पूरा करने के लिए नोडल अधिकारी ने संबधित अधिकारी से पूरा ब्यौरा तलब किया है। उन्होंने निरीक्षण के दौरान साफ-सफाई पर विषेश बल दिया है।