scriptजानिए हाथियों का स्वभाव, कैसे करें अपना बचाव | Know the nature of elephants | Patrika News
बहराइच

जानिए हाथियों का स्वभाव, कैसे करें अपना बचाव

आमतौर पर हाथी अपने भोजन का 90% जंगल से ही प्राप्त कर लेते हैं

बहराइचNov 10, 2019 / 02:31 pm

Ruchi Sharma

Elephant killed man

हाथी ने युवक को मार डाला

बहराइच.इन दिनों नेपाल के तकरीबन बीस-इक्कीस हाथियों का झुंड कतर्निया जंगल के प्रवास पर है। वर्ष में दो तीन बार कतर्निया के प्रत्येक रास्तों पर होकर हाथी निकलते हैं।


आमतौर पर हाथी अपने भोजन का 90% जंगल से ही प्राप्त कर लेते हैं शेष 10% के लिए वह गांव की फसलों में चरने के लिए आ जाया करते हैं । फसलों की रखवाली कर रहे लोग जब उन्हें भगाने का प्रयास करते हैं तो हाथी जिद पर उतर आते हैं और एेसे कई लोग घायल हो जाते हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्थानीय निवासी जंग हिंदुस्तानी ने इस बात को शेयर किया है कि पिछले 15 वर्षों के अनुभव के आधार पर उन्होनें कहा कि इंसानी दिमाग के बाद हाथी के पास पर्याप्त दिमाग होता है। हाथी बहुत कुछ सूंघ कर जान लेता है। सारी उपायों के बावजूद भी यदि हाथी जिद पर उतर आए तो उससे बचना बिल्कुल मुश्किल हो जाता है। फिर भी कुछ उपाय हैं जिन से कुछ हद तक बचाव किया जा सकता है-

० रात्रि में हाथियों को कम दिखाई पड़ता है लेकिन जब कोई उनके चेहरे पर टोर्च की रोशनी डालता है तो उनकी रोशनी बढ़ जाती है और सीधे रोशनी वाले व्यक्ति की ओर दौड़ते हुए हमला बोल देते हैं।
० शोरगुल मचाने पर झुण्ड वाले हाथी तो चले जाते हैं लेकिन अकेले घूमने वाले तस्कर हाथी जिद पर आ जाते हैं और कई घंटों तक वहां मौजूद रहते हैं।
० हाथी दिखने पर उसके पास न जाए और न औरों को जाने दे।
० रात के समय खलिहान में न सोए।
० जंगल से लगे क्षेत्र में खलिहान न बनाएं।
० पेड़ पर चढ़कर हाथी न देखें।
० महुआ फल या शराब न बनाए और न ही पिएं।
० लाल रंग के कपड़े पहनकर हाथी देखने जंगल न जाए।
० गांवों के आसपास हाथी होने की सूचना पर शराब को घर से दूर मैदान में रखें।
० अनावश्यक पटाखों का प्रयोग न करें, संकटकाल में ही उपयोग किया जाए।
० हाथियों का प्रवास मार्ग न रोके और न ही भीड़ जमा होने दे।
वन्य क्षेत्रों से गुजरने वाली सड़कों पर वाहन ध्यान से चलाए।
हाथियों को गुलेल, तीर व अन्य साधनों से न मारे।
०हाथियों को लगातार न खदेड़े, ०जंगल में उनका पीछा न करें।
०हाथियों के आसपास होने पर मोबाइल का उपयोग न करें।
० बुजुर्गों, महिलाओं एवं बच्चों को रात में घर पर अकेला न छोड़े।
० खेतों, खरही, खलिहान में रखा अनाज संग्रहित कर घर में रखे।
० हाथियों के अनाज खाते समय उन्हें खदेडऩे का प्रयास न करें।
०भीड़ न रखे, हाथियों द्वारा दौड़ाने पर भगदड़ की स्थिति निर्मित हो सकती है।
यह देखा गया है कि यदि हाथियों को छेड़ा न जाए तो वह एक स्थान पर थोड़ी देर से ज्यादा नहीं रुकते हैं और लगातार एक गांव से दूसरे गांव चलते रहते हैं। धान केला बॉस आदि उनका प्रिय भोजन है।
हमारे वन क्षेत्र में रहने वाले सभी भाइयों से निवेदन है कि सुरक्षित रहें ,सुरक्षित चलें और इस प्रकार हाथियों से अपना बचाव करें।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो