बहराइच. योगी सरकार के राज में भी बंधुआ मजूदरी की प्रथा का अंत होने का नाम नहीं ले रहा। ताज़ा मामला बहराइच जिले के थाना कैसरगंज क्षेत्र से सामने आया है। जहां कस्बे से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक ईंटभट्ठे पर बिलासपुर छत्तीसगढ़ के रहने वाले मजूदरों का परिवार बंधक बना हुआ था। जिनमें 3 पुरुष 3 महिलाएं व 5 मासूम बच्चे बीते तीन महीने से ईंट भट्ठा मालिक की अमानवीयता का दंश बंधुआ मजदूर के रूप में कैद होकर झेल रहे थे। इसकी भनक लगते ही चाईल्ड लाईन की टीम व तहसीलदार के साथ श्रम विभाग के अफसरों व थाना कैसरगंज की पुलिस टीम ने संयुक्त रूप से मौके पर छापेमारी की, जहां पर बंधक बने मजदूरों को परिवार समेत आज़ाद कराने का काम किया।
भट्ठा मालिक के कब्जे से मुक्त हुए मजदूरों ने रोते -बिलखते हुए बताया कि भट्ठा मालिक द्वारा पुरुषों और महिलाओं को अलग अलग कमरों में बंद करके रखा जाता था। इसके साथ ही जबरन काम कराने के लिये हर रोज बुरी तरह लाठी डंडों, जूते, बेल्ट, व लात घूंसो से मारकर डराया व धमकाया जाता था। दबंगई का आलम ये था कि 3-4 व 5 साल के मासूम बच्चों को भी नहीं बख्शा जाता था।
छापेमार टीम द्वारा पूछताछ के दौरान कैसरगंज क्षेत्र में स्थित ईंट भट्ठे से मुक्त कराई गई एक महिला मजदूर ने बताया कि उसके पास मात्र एक माह का बच्चा है। इसके बावजूद प्रसव के उपरांत भट्ठा मालिक ने उसे भी काम करने के लिये लगा दिया । ईंट भट्ठे से आज़ाद होने के बाद भट्ठा मालिकों के कब्जे में फंसी इन बंधुआ मजदूरों की मेहनत की कमाई का बकाया 39000/ रुपये – का मौके पर भुगतान करवा कर विधिक कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया की जा रही है।