लेबर रूम के बाहर घंटों बैठे रहते हैं लगूर सरकारी आंकड़ों पर गौर करें, तो इस महिला अस्पताल में रोजाना कुशल चिकित्सकों की देख रेख में करीब 40 प्रसव पीड़िताओं की डिलवरी करायी जाती है। ऐसे संवेदनशील स्थल पर सेफ्टी नार्म्स की अगर बात करें, तो ये ज्वलन्त तस्वीर व्यवस्था की पोल खोलने के लिये अपने आप में स्वयं में काफी है। अस्पताल के कितने लोग बच्चों की जिम्मेदारी और उनकी सेफ्टी को लेकर सजग हैं, इसका पता इस बात से लगता है कि अस्पताल के अंदर एक लंगूर कितनी आजादी के साथ घूम रहा है। यही नहीं अस्पताल के नो-एंट्री जोन यानी लेबर रूम में आपरेशन थियेटर के मुख्य द्वार पर तीमारदारों के साथ घण्टों ऐसे बैठा नजर आता है लंगूर।
कुत्तों के आतंक से नहीं सहमे लोग इस नजारे को देख हर कोई दंग रह गया। गनीमत की बात ये रही कि इस लंगूर बंदर ने किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं किया वरना अस्पताल में भगदड़ मचने में जरा भी देर नहीं लगती। अब जरा सोंचिये मौजूदा समय में यूपी के तमाम इलाकों से बच्चों पर आवारा कुत्तों के हमले की लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं। उस नजरिये से इस बात को कत्तई खारिज़ नहीं किया जा सकता कि अगर बहराइच का स्वास्थ्य महकमा इस नजारे को देखने के बाद भी सजग नहीं हुआ, तो ये लापरवाही किसी भी वक्त एक बड़े हादसे का रूप ले सकती है।