जानकारी के मुताबिक बहराइच के थाना हरदी क्षेत्र के मिसरन पुरवा गांव में बीते 21 जून दिन बृहस्पतिवार को सीतापुर जनपद के रेवसा थाना क्षेत्र के चौसा गांव से वली मुहम्मद के बेटे शफीक की बारात मिसरन पुरवा गांव में जलील खां के घर आयी थी। जलील खां जो कि पिछले कई साल से सन्दिग्ध परिस्तिथियों में लापता चल रहे हैं। उनकी बेटी मौसमी की शादी की सारी जिम्मेदारी उनके बेटे हकीम खां के ऊपर आ गयी है। हकीम खां अपनी बहन की डोली को विदा करने के लिये बड़े अरमानों से निकाह की तैयारी की थी। इस दौरान दरवाजे पर बारात पहुंची तो बारात का स्वागत सत्कार करने के बाद जब काजी द्वारा निकाह कुबूल कराने की रश्म अदायगी शुरू करायी गयी तो दुल्हन ने तो निकाह कुबूल कर लिया लेकिन सेहरा बांध कर आये दूल्हे शफीक नें बिना अपाची मोटरबाईक लिये निकाह कुबूल करनें से साफ इंकार कर दिया। फिर क्या था ससुराल वालों ने दूल्हे को मनाने के लिये होंडा डीलक्स मोटरबाईक लेने के लिये किसी तरह जोड़ गांठकर करीब 57 हजार रुपये की नगदी देकर दूल्हे को शादी करने के लिये लाख खुशामद की लेकिन दहेज लोभी दूल्हा अपाची मोटरसाइकिल लेने की जिद पर अड़ा रहा और जब दूल्हे की मांग पूरी नहीं हुई तो गुस्से में आग बबूला दूल्हा मंडप छोड़ अपनी बारात को लेकर उल्टे पांव वापस लौट गया। इस घटना से लड़की पक्ष के आंगन में चल रहे खुशी के माहौल के बीच अचानक सन्नाटे का माहौल छा गया। फिर क्या था इसी बीच घर के संभ्रांत लोगों की पहल पर सजी धजी दुल्हन के निकाह का प्रस्ताव पड़ोस के रहने वाले इस्लाम के बेटे सद्दाम से करने की बात रखी इस पर इस्लाम का बेटा सद्दाम मौके की स्थित को देखते हुए बिना दान दहेज के मौषमी को अपनी दुल्हन बनाने के लिये तैयार हो गया।फिर क्या था मेहमानों की मौजूदगी में दोनों का निकाह बड़े धूम धाम से करवा कर लोगों द्वारा एक दूसरे को जमकर बधाई दी। वहीं बिना दहेज की शादी करने का काम करने वाले सद्दाम की इलाके में खूब वाहवाही हो रही है।