बता दें कि बीते गुरुवार को ककरहा रेंज एरिया से सटे गंगापुर के मजरे खैरी में एक घंटे के अंतराल में इलाके में आतंक का पर्याय बनी एक आदमखोर नरभक्षी मादा तेंदुए के हमले में एक वृद्धा सहित तीन लोग बुरी तरह घायल हो गए। इस वारदात के बाद तेंदुए की तलाश कर रही टीमों ने कॉम्बिंग में मदद करने को जयमाला व चम्पाकली नाम की दो हाथिनियों को उतारा है। वन महकमे की कॉम्बिंग की भनक पाते ही आदमखोर मादा तेंदुआ जंगल क्षेत्र में कहीं छुप गई है।
कतर्नियाघाट वन क्षेत्र के गांवों में नरभक्षी मादा तेंदुआ लगातार आतंक मचाए हुए है। दो बालकों को जहां नरभक्षी पहले ही मौत के घाट उतार चुकी है। वहीं दर्जनों बच्चे, युवक व वृद्ध सहित तमाम मवेसी इस तेंदुए के हमले में का शिकार हो चुके हैं। जंगलों में लगातार हो रहे तेंदुए के हमलों से आहत वन विभाग कई दिनों से उसे पकड़ने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर टीम गठित कर सर्च अभियान चलाए जा रहे हैं। पिछले सप्ताह से लगातार तेंदुए की ओर से हमला किए जाने के बाद अब वन महकमे के अफसर काफी संजीदा हो गए हैं।
कतर्नियाघाट संरक्षित वन्य इलाके के सदर बीट में जयमाला व चंपाकली हथिनी को गुरुवार को अपरान्ह कॉम्बिंग अभियान में लगाया गया है। गन्ने के खेत को घेर कर तेंदुए को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। वन महकमे की यह पालतू हथिनी इको टूरज्मि के शौकीन पर्यटकों को जंगल में सवारी कराती रही है। इस सर्च अभियान में रेंजर आरकेपी सिंह, वन दरोगा अनिल, फारेस्ट गार्ड अब्दुल सलाम व वन वाचर आदि मौजूद रहे।
मोहकम पुरवा के ईद गिर्द दिख रही तेंदुए की हरकत
कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग की पिछले दिनों मोहकमपुरवा निवासी इनायत की मौत जिस जगह हुई थी। उससे सटे 40 किमी का दायरा तेंदुए के हमले से प्रभावित है। ग्रामीणों ने बताया कि तेंदुए के पंजे के निशान जगह- जगह दिखाई पड़े हैं। तेलियनपुरवा निवासी पवन कुमार ने बताया कि गुरुवार को रात तेंदुआ उनके घर की दीवार फांदकर आंगन में कूद पड़ा था। जिससे पूरे घर में दहशत फैल गई। घरवालों ने शोर मचाकर तेंदुए को बाहर भगाया। बाद में ग्रामीणों को इकट्ठा कर वन अधिकारी को सूचना दी गई। मौके पर पहुंचकर फारेस्ट गार्ड अब्दुल अजीज ने ग्रामीणों के मदद से तेंदुए को घर से निकाला। ग्रामीण का कहना है कि वन महकमे की ओर से कोशिश कम हो रही है। इसी वजह से तेंदुआ पकड़ में नहीं आ रहा है।