इसका ताजा मामला प्रमाण बार्डर के जिले बहराइच में सामने आया है जहाँ गैंगरेप की शिकार एक दुष्कर्म पीड़िता की शिकायत थाने में बैेठे अफसरों ने नहीं सुनी। आखिरकर पीढ़िता ने मानवधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया। दलित महिला के प्रार्थना पत्र पर मानवाधिकार आयोग ने सख़्त एक्शन लिया तो बहराइच जिले के पुलिस महकमें में तैनात तमाम जिम्मेदारों की चूलें हिल गईं। पुलिस द्वारा बरती गई इस लापरवाही के आरोप में तत्कालीन पुलिस अधिक्षक से लेकर थाना पयागपुर में तैनात समस्त जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ 166A की संगीन धाराओं में FIR दर्ज करायी गयी है। पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए उठाया गया ये कदम काफी सराहा जा रहा है।
यह था मामला- बहराइच के SP जुगुल किशोर ने बताया की थाना पयागपुर इलाके के रमवापुर सतपेड़िया गाँव की रहने वाली एक विवाहिता को थाना विशेश्वरगंज क्षेत्र के बंजरिया गांव निवासी सोनू मौर्या, सुशील मौर्या और राजू नाम के 3 दबंगों ने अगवाकर गैंगेरप किया। उसके बाद बहराइच में लाकर उसपर जबरन वैश्यावृति कराने का दबाव बनाया। किसी तरह आरोपी दबंगों के कब्जे से छूटकर जब पीड़िता 8 जून 2017 को स्थानीय थाना पयागपुर में आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कराने पहुंची तो थाने पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने दुत्कार कर उसे भगा दिया। यही नहीं पीड़िता अपनी शिकायत लेकर तत्कालीन SP के पास भी हाजिर हुयी, जहाँ FIR दर्ज कराने का आश्वासन तो दिया गया, लेकिन थाने में मामला दर्ज नहीं किया गया।
इस टालमटोल में महिला की FIR करीब 20 दिनों के लंबे अंतराल के बाद तब दर्ज हुयी जब ऊपरी शासन का हंटर चला। इस मामले की सारी जाँच व तफ़्तीश की कार्यवाही स्थानीय स्तर पर सीओ रिसिया डिप्टी SP श्रेष्ठा ठाकुर की देखरेख में चल रही है। मानवाधिकार आयोग के आदेश पर थाना पयागपुर में गैंगेरप की शिकार महिला की शिकायत पर फौरी तौर पर कर्यवाही करने के बजाय लापरवाही बरतने वाले अज्ञात नाम से पुलिस कर्मियों के खिलाफ 166 A का मुकदमा पंजीकृत किया गया है। SP बहराइच ने बताया की इस FIR की जद में थाने की जीडी पर दर्ज सभी पुलिस कर्मियों से लेकर तत्कालीन पुलिस अधिक्षक तक घेरे में आ रहे हैं, जिसकी गहनता से जाँच की जा रही है।