प्रदेश सरकार की तरफ से चल रही एंटी भू माफिया चिन्हीकरण की कार्रवाई की प्रक्रिया में कोतवाली मुर्तिहा अंतर्गत बोझिया गांव में सडक़ किनारे बनी अवैध बस्ती के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए मोतीपुर तहसील के नायाब तहसीलदार फरीद अहमद स्थानीय पुलिस और लेखपाल की टीम के साथ मौके की पैमाइश करने पहुंचे। जैसे ही इन्होंने कार्रवाई शुरू की आहत ग्रामीणों और पुलिस प्रशासन की टीम के साथ जमकर हाथापाई हुई।
इस हमले में नायाब तहसीलदार फरीद अहमद के साथ ही पुलिस टीम का एक सिपाही घायल हो गया। आक्रोशित ग्रामीणों ने घेराबन्दी के सरकारी कर्मचारियों की जमकर पिटाई की। इस दौरान बवाल के बीच अचानक किसी शख्स ने फूस की बनी कई झपडिय़ों में आग लगा दी। इससे माहौल और भी गरम हो गया। कोतवाली मुर्तिहा क्षेत्र के बोझिया गांव में ग्रामीणों और पुलिस प्रशासन की टीम के साथ हुई मारपीट की घटना से माहौल इस कदर तल्ख़ हो गया की गांव में जमीन की पैमाइश करने पहुंची अफसरों की टीम को भागना पड़ा। सैकड़ों की संख्या में आक्रोशित ग्रामीणों ने टीम पर पथराव किया। ग्रामीणों द्वारा किए गए पथराव में टीम में शामिल कई कर्मचारी घायल हो गए। कई ने किसी तरह मौके से भाग कर अपनी जान बचायी।
ग्रामीणों का आरोप है की वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लोगों का आशियाना उजाडऩे के लिए ज़मीन की पैमाइश की जा रही है। टीम में शामिल पुलिस कर्मियों ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर जंगल से सटे इलाके बोझिया गांव में रहने वाले ग्रामीणों की झोपड़ी में आग लगाने का
काम किया है।
वहीं पुलिस प्रशासन का कहना है की एंटी भू माफिया टीम पर दबाव बनाने के लिए स्थानीय ग्रामीणों द्वारा पूरा स्वांग रचा गया। इस घटना में पुलिस टीम ने कल्लू नाम के एक युवक को हिरासत में लेते हुए 18 नामजद ग्रामीणों के अलावा लगभग 40 अज्ञात हमलावरों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा कोतवाली मुर्तिहा में दर्ज किया है।