अगस्त माह तक जिले को 10 लाख 54 हजार 245 पौध लगाने का लक्ष्य मिला था। जिसके बाद हर विभाग को पौध रोपण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जहां कुछ विभागों ने तो पौध रोपण किये वही कुछ विभागों ने केवल पौध रोपण के नाम पर खाना पूर्ति की। और कागजों में ही पौध रोपण कार्यक्रम के लक्ष्य को पूरा दिखा दिया। और हजारों पौधों को बिना लगाए ही इकौना और गिलौला ब्लॉक में सूखने के लिए फेंक दिया। कागजों में ही पौध रोपण का लक्ष्य पूरा कर विभागों ने अपना – अपना पल्ला झाड़ लिया।
बता दें कि अगस्त माह तक जिले में 10 लाख 54 हजार 245 पौध लगाने का लक्ष्य मिला था। जिसकी जिम्मेदारी सभी विभागों को सौंपी गई थी। यही नही चुनाव के तर्ज पर नोडल अधिकारी भी तैनात किये गए थे जो हर घंटे पर रिपोर्ट करते थे कि कितने पौध लगाए गए ।
डीएफओ के मुताबिक वन विभाग ने स्वयं 389790, पौध का रोपण किया था जबकि अन्य विभागों को उनके लक्ष्य के हिसाब से पौध मुहैय्या कराए गए थे। खास बात तो ये थी कि पौधरोपण की सूचना प्रति घंटे डीएफओ कार्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम में दी जाती थी और यह सूचना तत्काल शासन को भी भेजी जाती थी। इस अभियान में कोई चूक न हो इसके लिए डीएम व सीडीओ द्वारा मॉनिटरिंग भी की जा रही थी, लेकिन इकौना ब्लॉक में पड़े सूख रहे ये हजारों पौधे इस पूरे खेल की हकीकत बयान कर रहे हैं। कि किस तरीके से अधिकारियों ने गोलमाल कर अपना लक्ष्य कागजों में ही पूरा कर अपनी पीठ खुद ही थपथपा ली और वाह वाही भी लूट ली।
वही इस संबंध में डीएफओ एपी यादव बताते हैं कि इकौना ब्लॉक के अंदर पड़े पेड़ों की बात बीडीओ ही बता पाएंगे। हमे कोई जानकारी नहीं है। वही बीडीओ से बात करने की कोशिश की गई तो उनका सीयूजी नंबर स्विच ऑफ पाया गया।