जिले की प्रमुख समस्या
श्रावस्ती की सबसे बड़ी समस्या सडक़ संपर्क है। यहां की तीन प्रमुख तहसीलें तक आपस में सीधे बस सेवा से नहीं जुड़ी हैं। सदर तहसील भिनगा, इकौना और जमुनहा तहसील में एक दूसरे से सीधी बस सेवा की सुविधा नहीं है। इकौना व जमुनहा से भिनगा के लिए कोई सीधी बस सेवा नहीं है। जिले में एक भी उद्योग नहीं है। यहां के किसानों की मुख्य फसल गन्ना और धान की खेती है। लेकिन क्षेत्र में एक भी चीनी और धान मिल नहीं है। हालत यह है कि गल्ला मंडी तो बनी है लेकिन आज तक चालू नहीं हो पायी है। 1982 में शुरू हुई राप्ती सरयू योजक नहर का निर्माण आज तक अधूरा है। बाढ़ से हर साल 144 से अधिक गांव प्रभावित होते हैं। इनकी समस्या के समाधान की कोई पहल आज तक नहीं हुई।
ये वादे पूरे,ये हैं अधूरे
श्रावस्ती जिले में बहु प्रतीक्षित मांग रेलमार्ग को जोडऩे की थी। यहां के लोगों की यह मांग पूरी हुई। रेल लाइन बिछाने के लिए भूमि पूजन व शिलान्यास का कार्य हो गया है। बौद्ध तपोस्थली को हवाई सेवा से जोडऩे के लिए हवाई पट्टी के विस्तार का कार्य भी चल रहा है। आवागमन सुविधा के लिए राप्ती पर जमुनहा के मधवापुर घाट, इकौना के अंधरपुरवा घाट, व लक्ष्मनपुर बलरामपुर मार्ग पर पुल निर्माण भी हो गया। जबकि मधवापुर घाट, इकौना का अंधरपुरवा घाट, व लक्ष्मनपुर -बलरामपुर मार्ग पर पुल निर्माण तो हो गया लेकिन अधूरे सडक़ निर्माण के कारण इन मार्गों पर बसों का संचालन नही प्रारम्भ हो सका है। बौद्ध तपोस्थली श्रावस्ती के विकास का प्रयास तेज हुआ लेकिन सीताद्वार झील, मंदिर परिसर सहित बंगाल टाइगर के लिए रिजर्व सोहेलवा को इको टूरिज्म, पांडव कालीन विभूति नाथ मंदिर , रजिया ताल को पर्यटन स्थल के रूप में विकशित करने की पहल नही हो सकी।
श्रावस्ती संसदीय क्षेत्र
कुल मतदाता- 1900092
महिला मतदाता-868294
पुरुष मतदाता-1031718
थर्ड जेंडर -80
मतदान केंद्र-1203
मतदेय स्थल- 2213