बहराइच

झाड़ू लगाना शर्म की नहीं सम्मान की बात -अनुपमा जयसवाल

बोलीं-जिस घर में होती है सफाई वहां जरूर आते हैं भगवान।
 

बहराइचSep 22, 2018 / 07:19 pm

Ashish Pandey

झाड़ू लगाना शर्म की नहीं सम्मान की बात -अनुपमा जयसवाल

बहराइच. आगामी दो अक्टूबर यानी “गांधी जयंती “के अवसर पर उत्तर प्रदेश के सभी जिलों को खुले में शौच की प्रथा के अभिशाप से मुक्ति दिलाने का काम बड़े जोर शोर से चल रहा है। जन-जन के जेहन में स्वच्छता का संदेश देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार एवं प्रदेश की योगी सरकार के कारिंदे गांव-गांव और शहर-शहर में बाकायदा चौपाल लगाकर स्वच्छता के मिशन को साकार करने के काम में जी जान से जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में यूपी सरकार की बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास राज्य मंत्री अनुपमा जयसवाल ने दीन दयाल शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित की गई चौपाल में नन्हें मुन्हें बच्चों और उनके अभिभावकों को संबोधित करते हुए संदेश दिया। उन्होंने कहा कि गांधी जी सिर्फ कहते नहीं थे, उन्होंने करके दिखाया था। उनकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं था।
हर कोई सड़क पर झाड़ू लगाता हुआ दिख जाएगा

उन्होंने कहा कि गांधी जी अपने शौचालय की सफाई अपने हाँथ से करते थे। इसके आगे मंत्री अनुपमा जयसवाल ने बच्चों को समझाया कि महात्मा गांधी जी अपने कमरे की सफाई, अपने परिसर की सफाई, अपने शौचालय की सफाई सब अपने हाथ से करते थे। उन्हीं की भावना को आत्मसात कर आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से प्रसारित किया है। जिसका परिणाम ये है कि आज बड़े से बड़ा, छोटे से छोटा, हर छोटा, बड़ा, नौजवान हर कोई सड़क पर झाड़ू लगाता हुआ दिख जाएगा। झाड़ू लगाना अब शर्म की बात नहीं रही, झाड़ू लगाना अब सम्मान की और गौरव की बात हो गयी है।
तो उस घर में भगवान जरूर आते हैं
इसके आगे लोगों में स्वच्छता के प्रति प्रबल भावना भरते हुए उन्होंने कहा कि मोदी जी कहते हैं कि स्वच्छता भगवान के पास पहुंचने की पहली सीढ़ी है। सब भगवान को रिझाने खुश करने के लिये पूजा पाठ करते हैं, भोग लगाते हैं, लेकिन अगर आप सफाई रखते हैं तो उस घर में भगवान जरूर आते हैं। साथ ही आज के परिवेश को देखते हुए मंत्री ने चौपाल में मौजूद तमाम अभिभावकों को संदेश दिया कि नन्हें मुन्हें बच्चों का मन कोरी माटी की तरह होता है। इनको जैसा संस्कार देंगे, इनका भविष्य वैसा ही होगा। हम बेटियों को तो संस्कार देते हैं, लेकिन बेटों को नहीं सिखाते इसलिये हमें बेटियों की तरह बेटों को भी संस्कार देने चाहिए। जब वो घर से बाहर निकलें तो बहन के समान बेटियों को बहन, मां की उम्र के लोगों को मां और बेटी समान बच्चियों के साथ बेटी जैसा बर्ताव करें। इस तरह के संस्कारों को बच्चों को देकर तमाम तरह की अप्रिय घटनाओं से बचा जा सकता है। कुछ इस तरह योगी सरकार की महिला मंत्री ने लोगों में स्वच्छता और सुरक्षा का अजब संदेश देने का काम किया।
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