मामला ये है कि स्कूल प्रसासन के ज़िम्मेदारों ने बिना क्लास चेक किये स्कूल को बंद करके अपने अपने घर चले गए और 3 वर्षीय छात्रा अपने क्लास में अकेले बंद रही। इस दौरान पीड़ित छात्रा 3 घँटे तक क्लास में अकेले बंद होकर रोती रही। बच्ची की चीख सुनने जे बाद आस पास के ग्रामीणों ने जब बच्ची को कमरे में अकेले रोते देखा तो गांव के ग्रामीणों ने पुलिस की मौजूदगी में स्कूल के कमरे का दरवाजा तोड़कर मासूम छात्रा को बाहर निकाला। घटना की भनक पाकर मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने गांव के ग्रामीणों के बयान दर्ज किए गए हैं। वहीं बीएसए एस.के तिवारी ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच के बाद दोषियों पर शख्त कर्रवाई की बात कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि विकास खंड विशेश्वरगंज क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बड़ागांव द्वितीय में गांव निवासी मुन्नी देवी की नातिन रेनू (6) कक्षा एक की छात्रा है। वह प्राथमिक विद्यालय में 28 अगस्त को पढ़ने के लिए गई थी। विद्यालय में छुट्टी होने के बाद गांव के सभी बच्चे घर आ गए, लेकिन रेनू घर नहीं पहुंची तो परिवार के लोगों ने उसकी खोजबीन शुरू की। इसी दौरान जानकारी हुई कि विद्यालय के एक कमरे में रेनू बंद है। वह अंदर से आवाज भी लगा रही थी। कमरे के बाहर टीचर और रसोइया ताला लगाकर जा चुके थे। स्कूल में कोई भी मौजूद नहीं था।