script16 घंटे जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष, नहीं हारी हिम्मत | 16 hours of struggle between life and death, not losing courage | Patrika News

16 घंटे जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष, नहीं हारी हिम्मत

locationबालाघाटPublished: Aug 30, 2020 09:16:49 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

बाढ़ का पानी बढ़ते गया, सांसे थमते गई लेकिन नहीं हारी हिम्मत, खैरलांजी के कुम्हली में रात भर बाढ़ में फंसे रहे ग्रामीण, सेना के हेली कॉप्टर से किया गया रेस्क्यू, बचाए गए तीनों ग्रामीण

16 घंटे जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष, नहीं हारी हिम्मत

16 घंटे जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष, नहीं हारी हिम्मत

बालाघाट. नदी में जैसे-जैसे पानी बढ़ते गया, वैसे-वैसे सांसे थमते गई। लेकिन न तो हिम्मत हारे और न ही जीने की आस छोड़ी। लगातार 16 घंटे तक भूखे-प्यासे रहकर जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते रहे। आंखों में उस समय चमक आई जब आसमान से देवदूत बनकर हेलीकॉप्टर नजर आया। जैसे ही हेलीकॉप्टर से सुरक्षित सूखे स्थान पर पहुंचे तब उन्हें एक जीवन का एहसास हुआ। ये किसी कहानी का हिस्सा नहीं बल्कि बाढ़ में फंसे उन तीन ग्रामीणों की दास्तां हैं, जो शनिवार की शाम करीब ४ बजे से अपनी आंखों के सामने मौत का मंजर देख रहे थे। मामला जिले के खैरलांजी तहसील के अंतर्गत ग्राम कुम्हली का है।
जानकारी के अनुसार कुम्हली और मोवाड़ के बीच में राजू मसखरे द्वारा न केवल निवास किया जाता है। बल्कि उसके द्वारा रेस्टारेंट का संचालन भी किया जाता है। शनिवार को वैनगंगा और बावनथड़ी नदी के उफान पर दोनों ही नदियों के संगम क्षेत्र में पानी अधिक होने के कारण कुम्हली गांव में जल भराव हो गया था। राजू मसखरे द्वारा अपने रिश्तेदार अश्विन मसखरे के साथ पहले घर का सामान निकाल लिया गया था। शेष सामान को दूसरी बार लेने के लिए राजू, अश्विन और उनके साथ उसनलाल माहुले भी गया था। शनिवार की शाम करीब चार बजे तक वैनगंगा नदी का जल स्तर अधिक होने पर तीनों वहीं पर फंस गए। इस दौरान उन्होंने शाम करीब 4 अपने परिजनों को बाढ़ में फंसने की सूचना दी। मदद की गुहार भी लगाई। इस दौरान राजू मसखरे और अश्विन मसखरे रेस्टारेंट सह आवास की छत पर ही रह गए। लेकिन उसनलाल माहुले अपनी जान बचाने के लिए मकान के पास ही एक पेड़ पर चढ़ गया। इधर, परिजनों ने इसकी सूचना प्रशासन को दी। होमगार्ड के जवानों द्वारा नाव से उन्हें पहले निकालने का प्रयास किया गया। लेकिन वास्तविक लोकेशन नहीं मिलने के कारण वे असफल रहे। इधर, प्रशासन की पहल पर रविवार की सुबह करीब 8 बजे सेना के हेली कॉप्टर से पहले राजू मसखरे और अश्विन मसखरे को बाहर निकाला गया। लेकिन उसन लाल माहुले का पता नहीं चल पा रहा था। इसके बाद फिर से हेली कॉप्टर से उसनलाल की तलाश की गई, जो पेड़ पर चढ़ा हुआ मिला। इस तरह से पहले दो और बाद में एक व्यक्ति को हेली कॉप्टर के माध्यम से बाहर निकाला गया। इस तरह से बाढ़ में फंसे तीनों लोगों को सेना के हेली कॉप्टर से बाहर निकाला गया।
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