2200 विद्यार्थियों को नहीं मिली छात्रवृत्ति
बालाघाटPublished: Oct 13, 2021 09:51:27 pm
एनएसयूआई ने जताया विरोध
2200 विद्यार्थियों को नहीं मिली छात्रवृत्ति
बालाघाट. शासकीय राजा भोज महाविद्यालय कटंगी में मंगलवार 12 अक्टूबर को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन इकाई कटंगी ने तालाबंदी कर छात्रवृत्ति नहीं मिलने पर विरोध जताया। कटंगी महाविद्यालय में अध्ययनरत करीब 2 हजार 200 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है। जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग के तकरीबन 2 हजार और अनुसूचित जाति के 358, अनुसूचित जनजाति के 111 विद्यार्थी शामिल है। एनएसयूआई विधानसभा अध्यक्ष सागर कटौते, उपाध्यक्ष संभव श्रीवास, सलमान खान, महाविद्यालय अध्यक्ष रोहित नेवारे के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसमें महाविद्यालय में तालाबंदी कर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य अनिल शेण्डे को पुन: ज्ञापन सौंपते हुए शीघ्र ही छात्रवृत्ति प्रदान कराने की मांग की गई।
इसके पूर्व एनएसयूआई ने इसी मांग को लेकर 18 अगस्त को विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा था। किन्तु 2 माह का लंबा अंतराल बीतने के बाद भी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है। ज्ञात रहे कि एससी एसटी वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की पहली किस्त मिली है। वह दुसरी किस्त का इंतजार कर रहे है। जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी छात्रवृत्ति से अब तक वंचित है। इस प्रदर्शन में अंकित भालेकर, विकास सूर्यवंशी, उज्जवल बघेल, सत्यम मेश्राम, अनिकेत मिश्रा, हषु पटले, रूपेश तांबे, दिव्या ठाकरे, वैष्णवी पटले, रीना पटले, सलोनी भालेकर, शिवानी बंशपाल सहित एनएसयूआई के अन्य पदाधिकारी और महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं शामिल हुए।
विदित हो कि राजा भोज शासकीय महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को पिछले एक साल ने छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है। इसको लेकर विद्यार्थियों में भारी आक्रोश है। छात्रवृत्ति नहीं मिलने को लेकर एनएसयूआई लगातार दूसरी बार विरोध प्रदर्शन आंदोलन और ज्ञापन सौंप चुकी है। किन्तु इसके बावजूद सरकार विद्यार्थियों छात्रवृत्ति मुहैया कराने में नाकाम साबित हो रही है। एनएसयूआई द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि महाविद्यालय में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को पिछले एक वर्ष से छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है। छात्रवृत्ति नहीं मिलने के कारण वे परेशान भी हैं और उनमें भय का वातावरण बना हुआ है। इधर, महाविद्यालय में सीट बढ़ाने की मांग को लेकर भी आंदोलन और प्रदर्शन किए जा रहे है।