दस्तक अभियान की मदद से 3 वर्षीय नगेन्द्र हुआ कुपोषण से मुक्त
बालाघाट. प्रमिला अपने तीन साल के बेटे के स्वास्थ्य को लेकर बहुत परेशान थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि भला चंगा दिखने वाला उसका बेटा कमजोर क्यों हो रहा है। लेकिन अब प्रमिला की परेशानी दूर हो गई है और वह अपने बेटे के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित नहीं है। यह सब स्वास्थ्य विभाग के दस्तक अभियान से संभव हुआ है। बालाघाट तहसील के ग्राम कटेगांव की प्रमिला नेती का तीन साल का बेटा नगेन्द्र के उपचार के लिए जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती है और 10 दिनों की देखरेख व उपचार से उसमें काफी सुधार हो गया है। प्रमिला ने बताया कि उसका बेटा कुछ खाता नहीं था। उसका खाना खाने में मन नहीं लगता था। खाना नहीं खाने से वह कमजोर हो गया था और ठीक से चल भी नहीं सकता था। दस्तक अभियान के अंतर्गत ग्राम की आशा कार्यकत्र्ता के साथ स्वास्थ्य कार्यकत्र्ता उसके घर आई थी तो उन्होंने बताया कि उसका बेटा कुपोषण का शिकार है। यदि उसका जल्दी उपचार नहीं कराया जाएगा तो वह और कमजोर हो जाएगा। स्वास्थ्य कार्यकत्र्ता एवं आशा कार्यकत्र्ता की पहल पर प्रमिला ने अपने बच्चे को जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती करा दिया है। पोषण पुनर्वास केन्द्र में 10 दिनों की देखभाल एवं पोषण आहार से प्रमिला का बेटा नगेन्द्र अब ठीक होने लगा है। प्रमिला ने बताया कि अब उसके नगेन्द्र की तबियत ठीक है। वह अब खाना भी खाने लगा है और थोड़ा थोड़ा चलता भी है, अब उसका बेटा स्वस्थ हो गया है। प्रमिला इस बात से खुश है कि उसके बच्चे का अस्पताल में मुफ्त में ईलाज हो रहा है और उसके बच्चे को पौष्टिक आहार भी मिल रहा है। इतना ही नहीं बेटे के अस्पताल में भर्ती रहने के कारण प्रमिला को मजदूरी से होने वाले नुकसान की भरपाई भी होगी और उसे जितने दिन अस्पताल में रहेगी उतने दिनों की मजदूरी भी दी जाएगी।