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रक्तदान शिविर में 50 रक्तदाताओं ने किया रक्तदान

locationबालाघाटPublished: Oct 04, 2018 06:49:26 pm

Submitted by:

mukesh yadav

पीढि़त मानवता के लिए रक्तदान की आवश्यकता

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रक्तदान शिविर में 50 रक्तदाताओं ने किया रक्तदान

बालाघाट। जिले के कटंगी अंतर्गत ग्राम पंचायत भवन देवरी में युवा संगठन देवरी के तत्वाधान में पठार संघर्ष समिति, भाऊ परिवार खैरलांजी, विहिप एवं बजरंग दल, अखिल भारतीय ओबीसी महासभा एवं ग्रामीणों के सहयोग से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था। जहां स्वेच्छा से 50 रक्तदाताओं ने पीढि़त मानवता के सेवार्थ रक्तदान किया।
शिविर का आयोजन दक्षिण सामान्य वनमंडल वनमंडलाधिकारी देवाप्रसाद, कटंगी एसडीओपी नीतुसिंग, थाना प्रभारी प्रमोद साहु, परिक्षेत्र अधिकारी हिमांशु राय के आतिथ्य में किया गया था। जिले में भाऊ परिवार एवं पठार संघर्ष समिति के द्वारा रक्तदान की मुहिम प्रारंभ की गई थी। जिससे लोग जुड़ते गए और रक्तदाताओं का कारवां बनता गया। इसके बाद धीरे-धीरे जिले के ग्रामीण अंचलों में रक्तदान शिविरों का आयोजन का बदस्तूर सिलसिला चल पड़ा और आज जिले में रक्तदान को लेकर जिस तरह से युवाओं में जागरूकता देखी जा रही है। उससे जिले के अस्पतालों को भरपूर मात्रा में रक्त उपलब्ध हो रहा है। खासकर ग्रामीण अंचलों में रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ी है। जिसका उदाहरण कटंगी जैसे क्षेत्र के छोटे से ग्राम देवरी में 50 से ज्यादा रक्तदाताओं का रक्तदान करना है।
कार्यक्रम में पहुंचे अतिथि वनमंडलाधिकारी देवाप्रसाद ने कहा कि रक्तदान सबसे बड़ा दान है। यदि कोई मदद मांगता है तो हम उसकी मदद पैसो से कर देते हैं। लेकिन रक्तदान से हम किसी को मौत से बचाकर उसको नया जीवनदान देते है। जो भी रक्तदाता, रक्तदान करता है वह बड़ा ही भाग्यवान होता है। कटंगी एसडीओपी नीतुसिंह ने पीडि़त मानवता की सेवा के लिए रक्तदान के महत्व और उसकी आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसे महान कार्य का हिस्सा बनने पर उन्हें खुशी का अनुभव हो रहा है। भाऊ परिवार प्रमुख सौरभ लोधी एवं पठार संघर्ष समिति के संयोजक दीपक पुष्पतोड़े ने कहा कि पहले तो लोग रक्तदान करने से परहेज करते हैं। लेकिन यदि वह रक्तदान करने की सोचते भी है तो किसी को आवश्यकता पडऩे के बाद देने की सोच रखते हैं। जबकि रक्तदान से न केवल स्वास्थ्य अच्छा होता है बल्कि एक सुखद अनुभुति भी मिलती है। चूंकि समय और परिस्थिति कभी बताकर नहीं आती है। इसलिए कब किस पीढि़त को किस ग्रुप की रक्त की आवश्यकता पड़ जाए कहा नहीं जा सकता। यहीं कारण है कि भाऊ परिवार एवं पठार संघर्ष समिति रक्तदान शिविरों का आयोजन करते हैं। ताकि अलग-अलग ग्रुप का रक्त, एकत्रित हो सकंे और समय पढऩे पर पीडि़त को रक्त उपलब्ध हो जाएं एवं उसकी जान बच जाएं। इसलिए शिविरों के माध्यम से हमें रक्तदान के लिए आगे आकर रक्तदान करने की आवश्यकता है।

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