50 फीसदी स्कूलों का नहीं मिटा अंधेरा-
बालाघाटPublished: Jun 25, 2018 08:48:25 pm
झंझागी स्कूल में नहीं बिजली
50 फीसदी स्कूलों का नहीं मिटा अंधेरा-
कटंगी। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों से अंधेरा मिटाने का वादा किया था। इसके लिए एक विशेष मुहिम भी चलाई गई थी। जिसके अंतर्गत तमाम सरकारी स्कूलों में विद्युतीकरण करने का लक्ष्य तय किया गया। लेकिन इस लक्ष्य में कटंगी पिछड़ गया। यहां पर आज भी करीब 50 फीसदी स्कूलों में अंधेरा पसरा हुआ है। यानि की बिजली नहीं पहुंचा पाई है। वहीं जिन स्कूलों में बिजली पहुंच चुकी थी उनके भी कनेक्शन बिजली बिल जमा नहीं होने के कारण काट दिए गए हैं। ऐसे में इन स्कूल भवनों में लगे विद्युत उपकरण केवल भवन की शोभा बढ़ा रहे हैं। प्राथमिक शाला झंझागी (नवेगांव) भी इन स्कूलों में शामिल है। यहा पर विद्युत उपकरण लगे हुए हैं। लेकिन विद्युत पोल की दूरी अधिक होने के कारण बिजली नहीं पहुंच पाई है। प्रधानपाठक ने बताया कि उन्होंने विभागीय अधिकारियों तथा सरपंच को कई बार पत्र भी लिखा। लेकिन इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। स्कूल में बिजली नहीं होने के कारण गर्मी के मौसम में बच्चों तथा शिक्षकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
विदित हो कि कटंगी में करीब 302 प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल है। जिनमें से 90 फीसदी स्कूलों में बिजली नहीं है। हालाकिं विभागीय आंकड़ों की माने तो 100 से अधिक स्कूलों में विद्युतीकरण हो चुका हैं। लेकिन जमीनी हकीकत ठीक इसके विपरीत ही है। बता दें कि जिन स्कूलों में विद्युतीकरण हुआ है। उन स्कूलों का बिजली बिल जमा नहीं होने के कारण विद्युत विभाग ने कनेक्शन काट दिया है और वहां भी अंधेरा पसरा हुआ है। इसके अलावा स्कूलों में बिजली नहीं पाने की एक बड़ी समस्या स्कूलों से विद्युत पोल की अधिक दूरी होना भी संज्ञान में आई है। क्षेत्र के अलग-अलग स्कूलों के प्रधानपाठकों ने बताया कि विद्युत पोल की दूरी अधिक होने के कारण बिजली नहीं पहुंच पाई है। बहरहाल इन स्कूलों को अंधियारे से उजाले में लाने के लिए शासन स्तर से प्रयास बंद हो चुके हैं। अब विद्यार्थियों को अंधेरे में ही अध्ययन करना पड़ रहा है।
इनका कहना है।
प्रतिवर्ष वरिष्ट स्तर पर जानकारी भेजी जाती है वहां से शासन को बिजली विहीन स्कूलों की जानकारी दी जाती है. बिजली बिल जमा नहीं होने के कारण स्कूलों के बिजली कनेक्शन कट हुए है।
दर्पण गौतम, विकासखंड स्रोत समन्वयक