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बालाघाट

पानी में शासन का ५६ करोड़ों का आवास प्रोजेक्ट

नदी के मुहाने पर बनवा दिए योजना के आवासअब कालोनाइजरों की भांति प्रलोभन देकर बुक करवाए जा रहे आवासभविष्य में बाढ़ आपदा आने पर स्वयं को ठगा सा महसूस करेंगे आवास के खरीददार

बालाघाटJan 16, 2022 / 08:06 pm

mukesh yadav

पानी में शासन का ५६ करोड़ों का आवास प्रोजेक्ट

पानी में शासन का ५६ करोड़ों का आवास प्रोजेक्ट

मुकेश यादव-
बालाघाट. पहले वैनगंगा नदी के मुहाने पर शासन का ५६ करोड़ का प्रोजेक्ट स्वीकृत कर दिया गया। जब नदी में बाढ़ आई तो जिम्मेदारों की मंशा पर पानी फिरता नजर आया, आवास प्रोजेक्ट का प्रथम तल पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गया। बावजूद इसके जिम्मेदार स्थान परिवर्तन न करते हुए नदी किनारे ही प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने में एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। वहीं इनके विक्रय के लिए जनसंपर्क के माध्यम से सस्ते आवास किस्तों में दिए जाने के समाचार भी प्रकाशित करवाए जा रहे हैं।
पूरा मामला शहर की नगरपालिका परिषद से जुड़ा है। दरअसल प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत नपा द्वारा वैनगंगा नदी के किनारे भटेरा में करबी ५६ करोड़ की लागत से लगभग ६३२ आवासों का निर्माण करवाया जा रहा है। योजना के तहत यहां ईडब्लूएस, एलआईजी और एमआईजी टाइप के फ्लेट बनाए जा रहे हैं। जिन्हें शहर के गरीबों और अन्य कम सालाना आय वालों को किस्तों में दिए जाने की योजना है।
इतनी रखी गई है कीमत
नपा सीएमओ सतीश मटसेनिया के अनुसार ईडब्लूएस श्रेणी में कमजोर वर्ग के लोगों के लिए एक बेडरूम वाले 468 मकान बनाए गए हंै। 08 लाख रुपए के यह मकान मात्र 02 लाख रुपए में दिए जा रहे हंै। अब तक 340 लोगों ने इन मकानों के लिए बुकिंग कर ली है और इनमें से 230 लोगों के ऋण प्रकरण बैंक में जमा कराए जा चुके हैं और 85 प्रकरणों में बैंक द्वारा ऋण स्वीकृत कर दिया गया है। 08 लाख रुपए के ईडब्लूएस श्रेणी के मकान के लिए कमजोर वर्ग के लोगों से मात्र 02 लाख रुपए ही लेना है।
मटसेनिया ने बताया कि एलआईजी श्रेणी 72 मकान बनाए जा रहे हंै। यह मकान दो बेडरूम, हाल व किचन वाले हैं और इनकी कीमत 17 लाख 50 हजार रुपए रखी गई है। इसी प्रकार एमआईजी श्रेणी के 96 मकान बनाए जा रहे हंै। यह मकान तीन बेडरूम, हाल व किचन वाले हंै, इनकी कीमत 19 से 22 लाख रुपए रखी गई है।
चार साल बाद भी अधूरा कार्य
आवास प्रोजेक्ट के इंजीनियर अभिषेक परिहार के अनुसार नवंबर २०१७ में उक्त प्रोजेक्ट की नींव रखी गई थी। तब दिसंबर २०१९ में कार्य पूर्ण कर लिए जाने का लक्ष्य था। लेकिन कोविड लॉकडाउन के कारण कार्य नहीं हो पाया। अब वर्तमान तक करीब ४० से ४५ प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। वहीं अब एक साथ पूरा कार्य न कर टुकड़ो में कार्य पूर्ण कर हितग्राहियों को फ्लेट मुहैया कराए जाने की योजना है। परिहार ने बताया कि यदि मौसम और कोविड संक्रमण की समस्या नहीं आती हैं तो २०२३ के अंत तक पूरी परियोजना को पूर्ण कर लिया जाएगा।
बाढ़ में डूबी थी परियोजना
जानकारी के अनुसार पिछले वर्षो में अधिक बारिश होने पर भीमगढ़ बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया था। इस दौरान आवास योजना का प्रथम तल पूरी तरह से डूबकर टापूनुमा स्थिति निर्मित हो थी। इसके बाद चर्चाएं थी कि नपा अब इस स्थान से प्रोजेक्ट हटाकर अन्य स्थान पर इसे मूर्त रूप दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालाकि बाढ के दृश्यों के बाद कई हितग्राही जमा की गई राशि लेने नपा के चक्कर लगाते नजर आए। लेकिन उन्हें राशि वापस नहीं की गई है।
पूरी परियोजना पर एक नजर-
:- करीब ५६ करोड़ की लागत से ६३२ आवासों का किया जा रहा निर्माण।
:- नवंबर २०१७ में शुरू किया गया निर्माण कार्य।
:- दिसंबर २०१९ तक पूरा करना था प्रोजेक्ट।
:- अब तक ४०-४५ प्रतिशत हो पाया है निर्माण।
:- ईडब्लूएस टाइप के- ४६४ आवास।
:- एलआईजी टाइप के- ७२ आवास।
:- एमआईजी टाइप के- ९६ आवास।
:- ईडब्लूएस टाइप के ३४० बुक हो चुके फ्लेट।
:- २०२३ दिसंबर तक पूरी परियोजना पूर्ण करने का लक्ष्य।
:- मुंबई की कंपनी द्वारा किया जा रहा निर्माण कार्य।
वर्सन
पिछले दिनों आई बाढ़ के समय स्पष्ट हो गया था कि प्रोजेक्ट की स्वीकृत में गलत स्थान का चयन किया गया है। इसके बावजूद लोगों को आवास बुक कराए जा रहे हैं। रुपए वापस लेने पहुंचने वालों के रूपए वापस नहीं किए जा रहे हैं, जो कि अन्याय है।
रामलाल बिसेन, पूर्व पार्षद
हमने सर्वे करवाया है। २० सालों में कभी भीमगढ़ से इतना पानी नहीं छोड़ा गया जितने पिछले वर्ष छोड़ा गया था। इस कारण प्रोजेक्ट तक पानी पहुंचा था। जिसे बाढ़ नहीं बल्कि आपदा करना चाहिए। हालाकि इसके मद्देनजर भी हम तीन करोड़ से करीब १२ फीट ऊंची सुरक्षा दीवार बना रहे हैं ताकि इस तरह की स्थिति न बनें। २०२३ तक कार्य को पूर्ण कर लिए जाने की योजना है।
अभिषेक परिवार, प्रोजेक्ट इंजीनियर
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