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बालाघाट

एमपीआरडीसी की 90 किमी सड़क पर 58५० गड्ढे

– हिचकोले के बीच पूरी हो रही सिवनी से बालाघाट की यात्रा
– मोटरसाइकिल चालकों की जान सांसत में, सड़क किनारे नहीं है पटरी
– वनोपज नाका व वन विकास निगम के दो-दो नाका

बालाघाटSep 08, 2024 / 09:03 pm

akhilesh thakur

बालाघाट जिले के बिरसोला टोल पर बने गड्ढे।

बालाघाट जिले के बिरसोला टोल पर बने गड्ढे।

अखिलेश ठाकुर सिवनी. एमपीआरडीसी की सिवनी से बालाघाट 90 किमी सड़क पर 5850 से अधिक गड्ढे हैं। अलग-अलग स्थानों पर (पांच से 50 मीटर) कुल 10 किमी से अधिक सड़क उधड़ी हुई है। कुछ स्थानों पर सड़क ठीक है तो वहां से वाहनों के गुजरते समय कंपन जैसी स्थिति निर्मित होती है। सड़क के दोनों तरफ 90 किमी तक कहीं भी पक्की पटरी नहीं है। कहीं खाई है तो कहीं मिट्टी डालकर छोड़ दिया गया है। बारिश के दिनों में यह पटरी जानलेवा बन गई है। खास है कि यह स्थिति तब है जब इस मार्ग से प्रतिदिन 11 हजार से अधिक वाहन (चार पहिया व उससे अधिक) गुजरते हैं। ‘पत्रिकाÓ टीम ने रविवार को सुबह 10.45 बजे मोटरसाइकिल से सिवनी से सड़क का हॉल जानने के लिए बालाघाट की यात्रा शुरू की, जो दोपहर 3.55 बजे पूरी हुई।
इस सड़क पर एमपीआरडीसी के दो टोल नाके हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि दोनों नाके भी गड्ढे में है। पहला नाका सिवनी जिले के सेलुआ घाटी में तथा दूसरा बालाघाट जिले के बिरसोला के पास है। यह स्थिति तब है जब नाके से प्रतिदिन लाखों की कमाई होती है। इस सड़क पर वन विभाग का वनोपज नाका व वन विकास निगम का भी दो नाका है।
यदि यह कहा जाए कि एमपीआरडीसी का इस सड़क पर बिल्कुल ध्यान नहीं है तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है, क्योंकि कंजई घाटी में सड़क की सुरक्षा को लेकर लगाया गया संकेतक गिरा है। उसके पास सड़क के मध्य गड्ढा बना है। टोल नाका के पास गड्ढे हैं। लेकिन महकमा को फुर्सत नहीं है कि उसे सही करा पाएं। बरघाट से जेवनारा के पहले तक, बेहरई व कंजई घाटी में कुछ स्थानों पर सड़क अच्छी है, लेकिन यहां से गुजरते समय कंपन जैसी स्थिति निर्मित होती है। सिवनी से बरघाट के बीच, लालबर्रा के पहले और बाद। गर्रा पहुंचने के पूर्व तक सड़क की स्थिति ठीक नहीं है। बस व अन्य वाहन से यात्रा करने वाले यात्री हिचकोले खाते हुए मंजिल तक पहुंच रहे हैं।
इस संबंध में सहायक महाप्रबंधक बालाघाट दीपक आड़े ने बताया कि प्राय: मरम्मत का कार्य होता है। अभी भी मरम्मत कार्य कहीं न कहीं चल रहा होगा। मरम्मत का कार्य कहां चल रहा है? इस सवाल का जवाब वे नहीं दे पाए। उन्होंने अपने कार्य क्षेत्र का दायरा सीमित होना बताकर चुप्पी साध लिया। गौरतलब है कि सिवनी से बालाघाट के बीच कहीं भी मरम्मत कार्य नहीं चल रहा है।
सड़क के कुछ स्थानों पर पहली परत उखड़ी है। वह गड्ढे नहीं है। गड्ढा वह होता है, जिसमें नीचे का मटेरियल दिखाई दे। जल्द ही मरम्मत कार्य शुरू कराया जाएगा।

  • आशीष पटले, महाप्रबंधक एमपीआरडीसी छिंदवाड़ा

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