script७० हजार की खरीदी तिरपाल, फिर भी बर्बाद हो गया ५०० बोरी धान | 60 thousand purchased tarpaulin, yet 500 bags of paddy was destroyed | Patrika News

७० हजार की खरीदी तिरपाल, फिर भी बर्बाद हो गया ५०० बोरी धान

locationबालाघाटPublished: Jan 15, 2020 05:12:52 pm

Submitted by:

mukesh yadav

धान खरीदी केन्द्रों में बारिश से धान की बर्बादी के नाम पर गोलमाल का अंदेशा

७० हजार की खरीदी तिरपाल, फिर भी बर्बाद हो गया ५०० बोरी धान

७० हजार की खरीदी तिरपाल, फिर भी बर्बाद हो गया ५०० बोरी धान

लालबर्रा। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले दिनों हुई ओला वृष्टि और बारिश के बाद अब नुकसानी का आंकलन सामने आ रहा है। खासकर धान खरीदी केन्द्रों में खुले में रखी गई धान के भीगकर खराब होने के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे मामले में खराब हुई धान की मात्रा अधिक बताकर गोलमाल किए जाने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। कुछ इसी तरह का मामला लालबर्रा क्षेत्र के खरीदी कंेद्र खमरिया, नेवरगांव व और बडग़ांव का सामने आया है।
जानकारी के अनुसार इन खरीदी केन्द्रों में बारिश से धान को बचाने करीब ५० से ७० हजार रुपए की तिरपाल (प्लास्टिक) खरीदी किए जाने की बात कही जा रही है। बावजूद इसके इन केन्द्रों में करीब ५०० से अधिक धान की बोरियां भीगकर धान बर्बाद होने की जानकारी दी जा रही है। जो कि ग्रामीणों के गले नहीं उतर रही है। क्षेत्र के जागरूकजनों के अनुसार इन केन्द्रों में प्रबंधकों द्वारा बारिश की आड़ लेकर अधिक धान की बर्बादी होने की बात कहकर गोलमाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। पर्याप्त मात्रा में प्लास्टि होने के बावजूद यदि धान भीगकर खराब हो रही है तो यह खरीदी केन्द्र प्रबंधन की जिम्मेदारी होनी चाहिए। इसके अलावा इन केन्द्रों में धान का समय पर उठाव न होने, समय पर तौल नहीं होने सहित अन्य अव्यवस्थाओं होने की बात भी किसानों द्वारा कही जा रही है। जिन्होंने शीघ्र ही अव्यवस्थाओं में सुधार किए जाने की बात कही है।
वर्सन
हमारे द्वारा आवश्यकता पडऩे पर तिरपाल और पाल पंडाल की खरीदी की जाती है। बारिश के दौरान आंधी तूफान से प्लास्टिक उड़ जाती है इस कारण बोरों का भीगना लाजमी है। हालाकि धान को सुखाकर बचाने का प्रयास किए जा रहे हैं।
डीएस बोपचे, प्रबंधक
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