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९६ करोड़ की नलजल योजनाएं, फिर भी प्यासा जिला

locationबालाघाटPublished: Feb 27, 2019 08:43:17 pm

Submitted by:

mukesh yadav

इस गर्मी फिर पेयजल के लिए मचेगा हाहाकार बालाघाट नपा क्षेत्र में ४४ व चांगोटोला, लामता क्षेत्र में प्रगतिरत है १४.७५ व ३७.९६ करोड़ की नलजल योजनाएं

jal sankat

९६ करोड़ की नलजल योजनाएं, फिर भी प्यासा जिला

बालाघाट. जिला मुख्यालय और जिले के दो विकासखंडों में करीब ९६ करोड़ की नलजल योजनाएं स्वीकृत है। बावजूद इसके यहां के वाशिंदों को पर्याप्त पेयजल और सिंचाई के लिए पानी मुहैया नहीं हो पा रहा है। इन क्षेत्रों में ग्रीष्म ऋतु में हालात और भी बदतर हो जाते हैं। इस दौरान शासन प्रशासन की ये करोड़ों की योजनाएं भी नाकाफी साबित होती है। करीब पांच और सात वर्ष पूर्ण शुरू की गई इन जल आवर्धन और समूह पेयजल योजनाओं का काम इतने वर्षो बाद भी पूर्ण नहीं किया जा सका है। वहीं अब गर्मी का मौसम सिर पर है। ऐसे में फिर इन क्षेत्रों में जलसंकट गहराने और पेयजल के लिए हाहाकार मचने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार शहरी नगरपालिका क्षेत्र में ३३ वार्डो में दो वक्त पेयजल सप्लाई कराने ४४ करोड़ की जल आवर्धन योजना प्रगतिरत है। इसी तरह जिले के लामता क्षेत्र में १४ करोड़ ७५ लाख और चांगोटोला में ३७ करोड़ ९६ लाख की समूह पेयजल योजना संचालित है। जिनके काम वर्षो बाद भी पूर्ण नहीं किए जा सकें है।
पानी में ४४ करोड़, नहीं बुझी प्यास
शहर को पेयजल के संकट से मुक्ति दिलाने ४४ करोड़ की जल आवर्धन योजना तो बनी, लेकिन अब भी जनता प्यासी है। शहर के दो प्रमुख सरेखा और गायखुरी क्षेत्रों में तो लोगों को दो वक्त पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। योजना के तहत शहर भर में आधा दर्जन से अधिक पानी टंकियों का निर्माण किया जा चुका है। लेकिन पाइप लाइन बिछाए जाने का कार्य पूर्ण नहीं होने से पानी की टंकिया शोपीस बनी हुई है। शासन ने शहरी क्षेत्र के लोगों के पानी के लिए ४४ करोड़ रुपए तो लगाए लेकिन जनता प्यासी है। योजना की शुरूआत करीब पांच वर्ष पूर्व की गई थी। लेकिन अब तक योजना के तहत संपूर्ण कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका है।
यहां भी अधर में ५२ करोड़ की योजनाएं
इसी तरह ग्राम लामता में १४ करोड़ ७५ लाख एवं चांगोटोला में ३७ करोड़ ९६ लाख कुल ५२ करोड़ ७१ लाख रुपए की लागत से सात वर्ष पूर्व दो समूह पेयजल योजनाओं का भूमिपूजन पूर्व पीएचई मंत्री गौरीशंकर बिसेन के हस्ते किया गया था। लेकिन इतने वर्षो बाद यहां भी योजनाओं का कार्य अधर में है। योजना के शुरू होने से लामता चांगोटोला क्षेत्र के तीन दर्जन से भी अधिक गांवों को सिंचाई व पेयजल से लाभान्वित किए जाने थे। लेकिन आज भी ग्रामीणों को पर्याप्त पेयजल मुहैया होने का इंतजार है।
पाइपल लाइन व अन्य काम शेष
जानकारी के अनुसार लामता व चांगोटोला क्षेत्र में वर्तमान में कुछेक क्षेत्रों में पाइप लाइन बिछाने के साथ अन्यकाम शेष है। लामता एवं चांगोटोला में टेस्टिंग के तौर पर जरूर सप्लाई की गई है, लेकिन ग्रामीणों को दो वक्त पानी नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणजनों का कहना रहा है कि इस योजना पर दो माह में कार्य पूर्ण करने की गुंजाइश कम ही नजर आ रही है। जिससे इस गर्मी भी लोगों को पानी मिलने की आस धुंधली हो गई है।
टेल में नहीं पहुंच रहा पानी
इधर दूसरी तरफ विभागीय तौर पर जानकारी के अनुसार इस योजना पर लगभग काम पूर्णता की ओर है। गांवों में पानी की सप्लई को लेकर नल कनेक्शन लगाए जा चुके तथा पानी भी प्रदाय किया जा रहा है, शेष काम शीघ्र ही पूर्ण कराए जाएंगे। कुछ टेल क्षेत्र होने के कारण समस्याएं आ रही है।
इन गांवों को पानी का इंतजार
जानकारी के अनुसार लामता क्षेत्र की समूह पेयजल योजना के तहत ढूटी, कोचेवाही, नरसिंगा, अतरी, अमोली, लामता, खुरसोड़ा, टाकाबर्रा, बुढिय़ागांव, प्रतापपुर, धुनाड़ी, पिंडकेपार एवं मुरझड़ के करीब २४ हजार घरों में पानी पहुंचाया जाना है। इसी तरह चांगोटोला क्षेत्र के २५ ग्राम देवसर्रा, घंघरिया, ठेमा, हिस्बाटोला, चमरवाही, मउ, ढीमरूटोला, बरखेड़ा, बटूआ, सकरी, कुकड़ा, ठाकुरटोला, गुडरू, चनेवाड़ा, नगरवाड़ा, अरनामेटा, बीजापुरी, महकापाटा, पचपेढ़ी, चांगोटोला, तीखाखारी, खैरगांव, मोहगांव, बकवाड़ा व बसेगांव के प्रत्येक घरों में वैनगंगा नदी का पानी पहुंचाया जाना है। लेकिन काम प्रगतिरत है।
फिर गहराएगा पेयजल संकट
परसवाड़ा क्षेत्र में हर साल पेयजल संकट की स्थिति निर्मित होती है। नलजल योजना के अभाव में दूर दराज के ग्रामीणजनों को मीलों का सफर तय कर पानी लाने मजबूर होना पड़ता है। हालात यह बन जाते है कि कुंए सूख जाते है तथा हैंडपंपों का जलस्तर गहराई में चला जाता है। इस कारण आधा सैकड़ा से अधिक गांवों में हालात बदतर हो जाते हैं। इस बार फिर पेजयल संकट गहराने के आसार नजर आने लगे हैं।
वर्सन
कुछ योजनाओं में जल निगम जबलपुर द्वारा कार्य कराए जा रहे हैं। देवसर्रा समूह योजना पूर्ण हो चुकी है, जहां ३४ ग्रामों को भरपूर पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं ढूटी समूह योजना में २० ग्रामों को जलप्रदाय किया जाना है और वहां भी परीक्षण कार्य चालू है। कमिश्नर साहब के आगमन के समय इन्ही सब बातों को लेकर समीक्षा की गई। अगर कही किसी ग्राम में पानी की दिक्कत होती है तो जलनिगम जबलपुर को सूचित कर उसका निराकरण कर लिया जाएगा।
एसके श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री पीएचई
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