एकरा एजुकेशन ग्रुप ने किया प्रवेश परीक्षा का आयोजन
बालाघाटPublished: Feb 23, 2020 09:37:25 pm
नगर की एकरा एजुकेशन ग्रुप बालाघाट द्वारा मुस्लिम समाज में प्रायमरी स्तर से शिक्षा के प्रति बच्चों में जागरूकता उत्पन्न करने के दृष्टिकोण से विभिन्न प्रयास कि जाते हैं।
एकरा एजुकेशन ग्रुप ने किया प्रवेश परीक्षा का आयोजन
बालाघाट। नगर की एकरा एजुकेशन ग्रुप बालाघाट द्वारा मुस्लिम समाज में प्रायमरी स्तर से शिक्षा के प्रति बच्चों में जागरूकता उत्पन्न करने के दृष्टिकोण से विभिन्न प्रयास कि जाते हैं। इसी के अंतर्गत संस्था द्वारा इंदौर की संस्था अल अमीन मिशन एकेडमी मुस्लिम बच्चे जो 7 वी एवं 8 वी में पढ़ रहे हैं उनके आगे की पढ़ाई बेहतर ढंग से हो और कोचिंग के माध्यम से वह उच्च शिक्षा के दरवाजे को छू सके इस दृष्टिकोण से पहली बार 23 फरवरी को अंजुमन स्कूल बालाघाट में प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया। जिसमें 63 बच्चों का पंजीयन हुआ था और परीक्षा में 57 बच्चे शामिल हुए। परीक्षा की अवधि 2 घंटे थी। परीक्षा में न्यू टाईप प्रश्न पूछे गए थे। इसके सिवनी से 23 बच्चों के अलावाए नागपुर एवं बालाघाट जिले के विभिन्न अंचलों के 7 वी और 8 वी के मुस्लिम बच्चे शामिल हुए। इस कार्यक्रम के सूत्रधार हाजी पप्पा भाई यूनूस खान ने बताया कि हमारे आपके बच्चे अच्छे और मंहगे स्कूलों में जा रहे हैं और पढ़ाई करके आगे भी बढ़ रहे हैं। सवाल ये है कि 15-20 साल पढ़ाई करके वह क्या बने। इंजीनियर, डॉक्टर, मैनेजर, नौकरी पेशा क्या वह अच्छे इंसान भी बने जो अपने माता पिता के प्रति समर्पित भाव रखे। अच्छे पड़ोसी साबित हो और दीन के साथ दुनिया में भी अपने किरदार को कामयाबी के साथ निभाए। इसी प्रयास को ध्यान में रखते हुए संस्था ने प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया। जिन बच्चों का चयन किया जाएगा। उन्हें अल अमीन गु्रप मुफ्त में बच्चे के रूचि के अनुरूप सारा व्यय स्वयं वहन करेगा।
प्रवेश परीक्षा संपन्न कराने में हाजी फारूक भाई, रफीक भाई, हाजी यूनूस मेमन, सोहेल खान, राहिल खान, वाशिक आजमी, आलम भाई, हाजी सफीक, हाजी प्यारे भाई, शकील मंसूरी, नोवेद खान, हारून खान, फरहान खान, रहमान, वकील कुरैशी, सिवनी से फातमा जफर, आरिफ खान, इंदौर से परीक्षा लेने आए परवेज खान, जावेद खान इत्यादि का महत्वपूर्ण योगदान रहा। वहीं अंजुमन कमेटी के नए सदर मुन्ना भाई ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराके इस कार्य की सराहना करते हुए कहा कि वह शिक्षा के प्रति समाज के बच्चों को अधिक से अधिक जोडऩे में जो भी सहयोग संभव होगा वह प्रदान करने का प्रयास करेंगे।