बारिश थमने के बाद सामने आया तबाही का मंजर
बालाघाटPublished: Sep 16, 2023 10:06:32 pm
नुकसानी का आकलन करने जुटा प्रशासन
बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में पहुंंचे मंत्री कावरे, पीडि़तों से की चर्चा


बालाघाट. बारिश थमने के बाद अब तबाही का मंजर सामने में आने लगा है। नुकसानी का आकलन करने में प्रशासन जुट गया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार करीब सैकड़ा मकानों को नुकसान पहुंचा है। जिसमें करीब 50 मकान जमींदोज हो गए। शनिवार को आयुष राज्य मंत्री रामकिशोर कावरे ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। पीडि़तों से चर्चा की। यथासंभव मुआवजा दिलाए जाने का आश्वासन दिया। प्रशासन को मुआवजा प्रकरण बनाने के निर्देश दिए।
जानकारी के अनुसार जिले के बालाघाट, लालबर्रा, परसवाड़ा और कटंगी क्षेत्र में सर्वाधिक बारिश हुई है। इस बारिश से इन चारों ही विकासखंडों में ज्यादा नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान बालाघाट और लालबर्रा विकासखंड में हुआ है। बारिश थमने के बाद प्रशासन ने सर्वे का कार्य प्रारंभ कर दिया है। नदी-नालों का जल स्तर पहले की अपेक्षा धीरे-धीरे कम होने लगा है।
लालबर्रा में 23 परिवारों को राहत शिविर में पहुंचाया
लालबर्रा क्षेत्र में लगातार बारिश होने के कारण घुसरी नदी का जल स्तर बढ़ गया था। जिसके कारण अतरी, उदासीटोला, चंदनटोला, अमराई टोला, खुरपुड़ी के घरों में पानी भर गया था। करीब दो दर्जन कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए। 23 परिवारों को राहत शिविर में रखा गया है।
बारिश थमी, लोगों ने ली राहत की सास
जिले में शनिवार की सुबह से तेज बारिश थमी रही। हालंाकि, कभी-कभी रिमझिम बारिश होते रही। इधर, तेज बारिश थमने से लोगों ने राहत की सांस ली है। जिले में 14 सितम्बर से भारी बारिश प्रारंभ हुई थी। इस दौरान नदी-नालों का जल स्तर बढ़ गया था। 16 सितम्बर की सुबह से बारिश का दौर थम गया है।
टूटा रहा सडक़ संपर्क, आवागमन रहा बंद
लामता-परसवाड़ा के बीच शनिवार को पूरी तरह से आवागमन बंद रहा। लामता क्षेत्र अंतर्गत सलंगटोला में डेढ़ वर्ष पूर्व रोड में बना पुल भारी बारिश के चलते क्षतिग्रस्त हो गया। जिसके कारण इस मार्ग पर आवागमन बाधित है। लामता का परसवाड़ा और बैहर से सडक़ संपर्क टूटा हुआ है। शनिवार को आयुष राज्य मंत्री रामकिशोर कावरे ने अधिकारियों के साथ स्थल निरीक्षण किया। अधिकारियों को आवागमन बहाल करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
इन क्षेत्रों का मंत्री ने किया दौरा
आयुष मंत्री कावरे ने बाढ़ प्रभावित नेवरगांव, लवेरी, मोहगांव, कुम्हारी, लामता, भोंडवा के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया। जन सामान्य से मुलाकात की। मंत्री कावरे ने जिन-जिन क्षेत्रों पर नुकसान ज्यादा हुआ है, वहां जा जाकर स्थितियों का अधिकारियों के साथ जायजा लिया। मुआवजा प्रकरण बनाने की कार्रवाई प्रारम्भ करने और बचाव राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
अधिकारियों की ली बैठक
बाढग़्रस्त क्षेत्र का दौरान करने के बाद मंत्री कावरे ने लामता में अधिकारियों की बैठक ली। बचाव राहत शिविरों पर नजर बनाए रखने, लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करने, समुचित दवाई, राशन उपलब्ध कराने और हर संभव मदद करने के निर्देश दिए। मंत्री कावरे ने अधिकारियों से कहा कि अति वृष्टि से फसलों, पोल्ट्री फार्म, मत्स्य पालन करने वालों को भी नुकसान हुआ है। मुआवजे का आकलन कर प्रकरण तैयार करते समय राजस्व विभाग के कर्मचारी संवेदनशीलता का परिचय दें। पीडि़तों को शासन स्तर पर हर संभव मदद की जाएगी।
चनई नदी का वैकल्पिक मार्ग बहा
कटंगी क्षेत्र से लालबर्रा मुख्य सडक़ मार्ग स्थित मुंडीवाडा और उजाड़बोपली मार्ग के बीच में बने क्षतिग्रस्त चनई नदी के पुलिया के समीप बना वैकल्पिक मार्ग पूरा बह गया था। तेज बारिश की वजह से शहर के कुछ निचले इलाकों जल भराव हो गया। वार्ड क्रमांक 1, 2, 3, 7, 8, 11, 12 में जल भराव की स्थिति रही। 14 सितंबर की शाम 6 बजे से शुरु हुई तेज बारिश ने नगर परिषद कटंगी की पोली खोल दी है। पानी निकासी नहीं होने से वार्ड 12 के नागरिकों को शनिवार को नगर परिषद के जिम्मेदारों से नोकझोक करनी पड़ी। बारिश रुके 24 घंटे से अधिक समय बीत गया लेकिन, नप के उपयंत्री राजेश चौकसे, सीएमओ ने पानी निकासी की व्यवस्था नहीं कर पाए। वार्डवासियों का कहना है पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने से मकान के चारों ओर पानी भर गया है। रास्ते पूरी तरह डूबे हुए हैं। जिसके कारण ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है।
तेज वर्षा से सर्राटी नदी का छोटा पुल बहा
लालबर्रा क्षेत्र में गुरुवार व शुक्रवार को हुई तेज वर्षा से नदी नाले उफान पर रहे। लालबर्रा के तहसील कार्यालय से बोरी जाने वाले मार्ग में सर्राटी नदी पर बना छोटा पुल का आधा हिस्सा तेज बहाव में बह गया। पुल का आधा हिस्सा बहने से 15 से अधिक गांवों का सडक़ संपर्क टूट गया। लालबर्रा के तहसील कार्यालय से बोरी पहुंच मार्ग सर्राटी नदी बना छोटा पुल करीब चार साल पूर्व मंडी निधि से बना था। इस मार्ग पर किसानों के खेत होने से वर्षा के दिनों में उन्हें आवागमन में सुविधा होती थी। पुल के बह जाने से अब उन्हें खेत जाने के लिए तीन से पांच किलोमीटर की अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी। इस मार्ग से ग्राम बोरी, कटंगझरी, बल्हारपुर, मोहगांव, बोरी, बहियाटिकुर, गारापुरी, नैतरा, पिपरिया, बडग़ांव सहित 15 से अधिक गांवों के लोगों को अब आवागमन में दिक्कतें होगी।