वादा खिलाफी का आरोप, सड़क पर उतरे अन्नदाता
बालाघाटPublished: Jun 07, 2019 09:48:14 pm
एक दिवसीय धरना आंदोलन कर निकाली गई रैलीप्रदेश शासन के नाम तहसीलदार को सौपा गया ज्ञापन
वादा खिलाफी का आरोप, सड़क पर उतरे अन्नदाता
परसवाड़ा. क्षेत्र मुख्यालय सहित अन्य ब्लॉको के किसान अपनी मांगों को लेकर लामबंध हो गए है। जिन्होंने प्रदेश सरकारी पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए जंगी प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर फारेस्ट आफिस के पास एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद रैली निकाल कर नारेबाजी करते हुए तहसील कार्यालय पहुंचे प्रदेश सरकार के नाम तहसीलदार को ०८ सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा गया।
इस दौरान किसानों ने बताया कि शासन ने एमएसपी रेट १७५० रुपए प्रति क्विंटल धान गेहू की फसल खरीदी की। लेकिन किसानों के खातो में १४ सौ रुपए के हिसाब से भुगतान किया गया है। इस कारण किसान स्वंय को ठगा सा महसूस कर रहा है। वहीं दो लाख रूपए तह के कालातीन ऋण माफी भी किसानों की नहीं हो पाई है। इस कारण आगामी फसलों के लिए उन्हें ऋण नहीं मिल पा रहा है। इन सब मांगों का एक सप्ताह के अंदर निराकरण की मांग की गई है। वहीं उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
जानकारी के अनुसार किसानों ने सर्वप्रथम धरना आंदोलन शुरू किया। सभी किसानों ने अपनी-अपनी समस्याएं बारी बारी से सबके सामने रखी। इसके बाद भारतीय किसान संघ परसवाड़ा के नेतृत्व में तहसील कार्यालय तक जमकर नारेबाजी करते हुए रैली निकाली गई। इसके बाद मुख्यमंत्री तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया।
यह है प्रमुख मांगे
किसानों ने अपनी मांगों से अवगत कराते हुए बताया कि सभी किसानों के चालू व कालातीत ऋण 2 लाख रुपए तक तत्काल एक सप्ताह में माफ कर किसानों को नया ऋण व वस्तु खाद किसानों को वितरण की जाए। सरकारी समिति द्वारा पंजीयन में जिन किसानों ने धान खरीदी है, उन्हें एमएसपी रेट 1750 रुपए के स्थान पर 1400 रुपए से किसानों के खाते में पेमेंट डाला गया है शेष अंतर की राशि 350 किसानों के खाते में एक सप्ताह के अंदर भुगतान की जाए। कुछ किसानों के खाते में खरीदी गई धान की राशि अभी तक नहीं डाली गई है, उसे तत्काल डाली जाए। धान व गेहूं का बोनस की राशि किसानों के खाते में डाली जाए। खाते में कृषक सम्मान निधि की 6000 रुपए की राशि शीघ्र डाले। शासन द्वारा किस किसानों को खसरा नक्शा नि:शुल्क वितरण किया जा, इसकी अवधि एक वर्ष रखी जाए। जलगांव बांध का डायवर्सन कार्य स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ किया जाए व जलगांव बांध के नहरों का सिमेंटीकरण किया जाए। विद्युत सप्लाई की बार बार कटौती बंद की जाए आदि मांगे शामिल है।
यह रहे उपस्थित
प्रदर्शन के दौरान प्रमुख रूप से नीलकंठ कुशले, केपी चौधरी, निरख अमुले, ताराचंद वेल्जी, विष्णुप्रसाद पटले, रघुनाथ कुशले, ब्रजलाल ठाकरे, कपुरचंद चौधरी, बैराजसिह तेकाम, ताराचंद राहंगडाले, सीताराम गुप्ता, एमपी पवार, प्रेम गुप्ता, जितेन्द्र मुहारे, नटवरलाल दमाहे, प्रेम राणा, कन्हैयालाल बिसेन, खेलन सहारे, शेखचंद नगपुरे, टेकराम, बुढानशाय, लक्ष्मीप्रसाद पटले सहित सैकड़ों से भी अधिक किसानो की उपस्थिति रही।