scriptवर्ष 1979 के बाद मिली राशि, 1984 से बंद पड़ा है कार्य | amount received after the year 1979, work has been stopped since 1984 | Patrika News

वर्ष 1979 के बाद मिली राशि, 1984 से बंद पड़ा है कार्य

locationबालाघाटPublished: Mar 04, 2021 09:08:55 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

बजट में मिली राशि, सातनारी जलाशय का होगा निर्माण, बुढियागांव में होना है सातनारी जलाशय का निर्माण

वर्ष 1979 के बाद मिली राशि, 1984 से बंद पड़ा है कार्य

वर्ष 1979 के बाद मिली राशि, 1984 से बंद पड़ा है कार्य

बालाघाट. वर्षों से अधूरा पड़ा सातनारी जलाशय का कार्य अब जल्द ही पूरा होगा। दरअसल, प्रदेश सरकार ने हाल ही में पेश किए बजट में जलाशय निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की है। सरकार द्वारा करीब दस करोड़ रुपए की राशि सातनारी जलाशय के निर्माण के लिए स्वीकृत की है। इधर, बजट में राशि मिलने से लामता बुढियागांव क्षेत्र के किसानों में एक बार फिर से जलाशय निर्माण की उम्मीदें जाग उठी है।
जानकारी के अनुसार परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत बुढियागांव में राहत कार्य मद से सातनारी जलाशय बनाने की योजना पूर्व में की गई थी। वर्ष १९७९ में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए २४.८० लाख रुपए का बजट तैयार किया गया। राशि का आबंटन होने पर निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया। वर्ष १९७९ से लेकर १९८४ तक इस स्थान पर २२.८० लाख रुपए खर्च कर निर्माण कार्य किया गया। इसके बाद वर्ष १९८४ से कार्य पूरी तरह से बंद कर दिया गया। इस जलाशय का निर्माण कार्य की लागत करीब ३० करोड़ के करीब पहुंच चुकी है, लेकिन कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। सातनारी जलाशय का करीब ८०-९० प्रतिशत कार्य पूरा होने के बाद इसे बंद कर दिया गया है। इधर, सातनारी जलाशय का निर्माण होने पर बुढियागांव, अलीपुर, टाकाबर्रा, खुरसोड़ा, खर्राकोना, ढुटी, कोचेवाड़ा, नरसिंगा, मंगराटोला सहित करीब तीन दर्जन ग्रामों को इसका फायदा होगा। जलाशय का निर्माण होने से न केवल इन गांवों में सिंचाई का रकबा बढ़ेगा। बल्कि फसल का उत्पादन भी अधिक होगा। जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। सातनारी जलाशय निर्माण के लिए मप्र शासन के राज्य मंत्री व परसवाड़ा विधायक रामकिशोर कावरे के प्रयासों से राशि मिली है। हालांकि, इसके पहले पूर्व विधायक मधु भगत ने भी काफी प्रयास किए थे। लेकिन उस दौरान बजट नहीं मिल पाया था। जिसके कारण जलाशय का निर्माण कार्य नहीं हो पाया था।
विदित हो कि पूर्व में सातनारी जलाशय का निर्माण नहीं होने पर ग्रामीणों ने विधानसभा, लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय भी लिया था। वहीं इसी मामले में कलेक्टर दीपक आर्य ने सातनारी जलाशय स्थल का निरीक्षण किया था। मौके पर ही राजस्व, वनविभाग और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को जलाशय के निर्माण के लिए आवश्यक कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन कलेक्टर के आश्वासन के बाद कार्य शुरु नहीं हो पाया था। जिसके कारण ग्रामीण काफी आक्रोशित थे। वहीं अब एक बार फिर राशि मिलने के बाद ग्रामीणों की उम्मीदें जाग उठी है।
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