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एनओसी के बगैर अवैध रुप से संचालित हो रहा क्रेशर प्लांट

locationबालाघाटPublished: Jan 14, 2018 11:42:10 am

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

रोड निर्माण कंपनी ने अस्थायी रुप से लगाया है प्लांट, प्लांट में डोलामाइट पत्थर से तैयार की जा रही गिट्टी

balaghat news
बालाघाट. जिले की तिरोड़ी तहसील के अंतर्गत सीतापठोर (सुकली) में करीब 8 माह से अस्थाई क्रेशर प्लांट का अवैध रुप से संचालन किया जा रहा है। बावजूद इसके खनिज और राजस्व विभाग इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। इतना ही नहीं प्रशासन द्वारा इनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं कर रही है। जिसके कारण समस्या जस की तस बनी हुई है।
इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग के आला-अफसर तक कार्रवाई करने की बजाए तमाशबीन बनकर सब कुछ देख रहे है.
जानकारी के अुनसार एक रोड कंपनी द्वारा इस अस्थायी क्रेशर प्लांट का अवैध रुप से संचालन कर रही है। जिसमें डोलामाइट को तोड़कर गिट्टी का सड़क निर्माण में प्रयोग किया जा रहा है। सीतापठोर सरपंच, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), वन परिक्षेत्र अधिकारी ने बताया कि कंपनी को उनके द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी नहीं किया गया है। बावजूद इसके इसका संचालन किया जा रहा है। इससे शासन को लाखों रुपए के राजस्व की क्षति हो रही है।
खनिज विभाग भी नहीं कर रहा कार्रवाई
इधर, इस अवैध रुप से संचालित हो रहे क्रेशर प्लांट पर खनिज विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ग्रामीणों ने भी खनिज विभाग के अधिकारियों पर कंपनी के साथ सांठ-गांठ करने का आरोप लगाया है। विदित हो कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के मुताबिक गिट्टी, पत्थर सहित अन्य खनिज की खदानें संचालित करने के लिए पर्यावरण स्वीकृति होनी जरूरी है। लेकिन क्षेत्र में संचालित क्रेशर प्लांट में नियमों की अनदेखी की जा रही है। इतना ही नहीं उक्त कंपनी ने संबंधित पंचायत से भी एनओसी नहीं ली है।
डोलामाइट का सड़क में हो रहा उपयोग
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सीतापठोर में संचालित अवैध अस्थाई क्रेशर प्लांट में डोलामाइट पत्थर की तुड़ाई हो रही है। इस पत्थर का उपयोग कंपनी द्वारा सड़क निर्माण के लिए कर रही है। जिससे सड़क की गुणवत्ता पर तो असर पड़ ही रहा है साथ ही सरकार को लाखों रुपए की क्षति हो रही है। ज्ञात हो कि सड़क निर्माण में डोलामाइट का उपयोग करने पर कंपनी को कम खर्च आ रहा है। जिसके कारण कंपनी द्वारा इसका उपयोग सर्वाधिक किया जा रहा है।
इनका कहना है
क्रेशर संचालित करने के लिए एसडीएम कार्यालय से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है। जिला खनिज अधिकारी ही इस संबंध में जानकारी दे सकते हैं।
-ऋषभ जैन, एसडीएम कटंगी
पंचायत से क्रेशर प्लांट संचालित करने के लिए अनुमति नहीं ली गई है। जानकारी के अभाव में पंचायत के द्वारा कहीं शिकायत भी नहीं की गई। अब शीघ्र ही इसकी शिकायत की जाएगी।
– माधुरी सूर्यवंशी, सरपंच, ग्रापं सुकली

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