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नौनिहालों की राह ताक रहा आंगनवाड़ी भवन

locationबालाघाटPublished: Sep 20, 2018 08:56:05 pm

Submitted by:

mukesh yadav

जंगल में निर्माण कर दिए जाने से नहीं पहुंच रही कार्यकर्ता व बच्चे, लालबर्रा जनपद की ग्राम पंचायत छिंदलई टोले का मामला

aanganwadi bhawan

नौनिहालों की राह ताक रहा आंगनवाड़ी भवन

लालबर्रा. क्षेत्र की ग्राम पंचायत छिंदलई के छिंदलई टोले में बनाया गया एक आंगनवाड़ी भवन ग्रामीणों व उनके बच्चों के लिए शोपीस बना हुआ है। अपने निर्माण के दो वर्ष बाद भी यह आंगनवाड़ी भवन नौनिहालों की राह ताक रहा है। अब तक इस भवन में ना तो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने कदम रखा है और ना ही बच्चे यहां पहुंचे हैं। ग्रामीण का मानना है कि जनप्रतिनिधियों के गलत निर्णय की वजह से उक्त भवन बिना उपयोग के ही जर्जर हो रहा है। शासन के लाखों रुपए पानी में नजर आ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार बीआरजीएफ. मद से 8.60 लाख की लागत से अक्टूबर २०१६ में आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक 02 के भवन का निर्माण पूर्ण किया गया है। बकायदा भवन का विधिवत लोकार्पण केबीनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन के मुख्य आतिथ्य, जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा बिसेन के प्रमुख आतिथ्य एवं जनपद अध्यक्ष किरण मरावी की अध्यक्षता में किया गया। इस दौरान मंडी अध्यक्ष सत्येन्द्र दमाहे, डुलेन्द्र ठाकरे, जिपं सदस्य झामसिंह नागेश्वर, उपाध्यक्ष अशोक जायसवाल, अशोक नगपुरे, किशोर पालीवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण भी उपस्थित थे। भवन लोकार्पण के दौरान ग्रामीणों में काफी हर्ष का माहौल था। लेकिन अब भवन उपयोग विहीन होने से ग्रामीणों में नाराजगी देखी जा रही है।
इसलिए नहीं किया जा रहा उपयोग
जानकारी के अनुसार आंबा केन्द्र का निर्माण रहवासी क्षेत्र से दूर जंगल के बीचो बीच कर दिया गया है। इस कारण यहां बच्चे तो दूर कार्यकर्ता व सहायिका भी नहीं आना चाह रही है। बताया गया कि उपसरपंच धनेन्द्र गौतम ने आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से भवन का निर्माण गलत स्थान में ठेकेदार के माध्यम से करवा दिया है। वहीं केन्द्र तक पहुंचने सड़क भी नहीं बनाई गई है। इस कारण भवन तक कोई नहीं पहुंच पा रहा है। वहीं अभिभावक भी जंगल के बीच में केन्द्र स्थित होने से बच्चों को नहीं भेज रहे है।
पलड़ा झाड़ रहे अधिकारी
मामला सामने के आने के बाद अब जिम्मेदारी अधिकारी व पंचायत पदाधिकारी मामले से पलड़ा झाड़ते नजर आ रहे है। इस मामले में परियोजना अधिकारी गीता बोरकर ने मामला उनके संज्ञान में नहीं होने की बात कहते हुए कन्नी काट ली। वहीं पंचायत सचिव जयचंद शेन्द्रे भी इस मामले में कुछ भी कहने से परहेज करते नजर आए।
इनका कहना है।
चर्चा में ग्रामीण ने बताया कि
विगत कई वर्षो से सड़क की हालत जर्जर है। कृषि कार्य हेतु आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है। ऐसी स्थिति में भला कोई पालक अपने बच्चों को आंगनवाड़ी क्यो भेजेगा।
फगलाल टेंभरे, ग्रामीण
सड़क की व्यवस्था व अपूर्ण आंगनवाड़ी होने की दशा में केन्द्र का संचालन नहीं हो पा रहा है। कार्यकर्ता महिला होने व भवन जंगल में होने के कारण वह भी केन्द्र नहीं पहुंच रही है। वह स्वयं के व्यय से किराए के कमरे में संचालन कर रही है।
बैगालाल बाहेश्वर, पूर्व पंच
आंगनवाड़ी का निर्माण असुरक्षित स्थान पर किया गया है। सड़क की भी प्रमुख समस्या है। कोई भी पालक अपने बच्चों को नहीं भेज पा रहे हंै। ऐसी स्थिति में मजबूरन किराए के मकान में केन्द्र का संचालन करना पड़ रहा है।
वैशाली फुंडेकर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
सड़क बनाने का किया जायेगा प्रयास-धनेन्द्र
केन्द्र तक छोटे बच्चे सड़क के अभाव में नहीं पहुंच पा रहे हंै। इस वजह से संचालन नहीं हो पा रहा है। पंचायत द्वारा जल्द से जल्द सड़क बनाने का प्रयास किया जाएगा।
धनेन्द्र गौतम, उपसरपंच
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