scriptAnnouncement, Bhumi Pujan minister is also Shivraj Singh-Kamal Nath | शिवराज सिंह मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि घोषणा मंत्री, भूमिपूजन मंत्री भी है-कमलनाथ | Patrika News

शिवराज सिंह मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि घोषणा मंत्री, भूमिपूजन मंत्री भी है-कमलनाथ

locationबालाघाटPublished: May 25, 2023 10:30:56 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

लामता में नारी सम्मान योजना समारोह में शामिल हुए पीसीसी अध्यक्ष

शिवराज सिंह मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि घोषणा मंत्री, भूमिपूजन मंत्री भी है-कमलनाथ
शिवराज सिंह मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि घोषणा मंत्री, भूमिपूजन मंत्री भी है-कमलनाथ

बालाघाट. शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि घोषणा मशीन, घोषणा मंत्री, भूमिपूजन मंत्री है। जेब में नारियल लेकर घुमते है। जहां मौका मिला नारियल फोड़ देते है। यह बातें प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कमलनाथ ने कही। पीसीसी अध्यक्ष गुरुवार को परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम लामता में नारी सम्मान योजना समारोह को संबोधित कर रहे थे।
बालाघाट प्रवास पर पहुंचे पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान आप नौजवानों की आवाज नहीं सुन सकते। क्योंकि आपके कान नहीं चलते। समर्थन मूल्य की मांग कर रहे किसानों को देख नहीं सकते, क्योंकि आपकी आंखे नहीं चलती। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान का मुंह बहुत चलता है। मुंह ओर प्रदेश में चलाने में बहुत अंतर है। अभी चुनाव को पांच माह शेष है। ऐसे में शिवराज सिंह को महिलाएं, नौजवान, किसान, कर्मचारी याद आ रहे हैं। इनके माध्यम से वे अपने 18 माह का पाप धोना चाहते है। पीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी, तब चुनौतियां बहुत थी। शिवराज सिंह ने जब सरकार सांैपी थी, तब पूरा प्रदेश बर्बाद कर सौंपा था। दिसम्बर 2020 में किसानों की आत्महत्या के मामले में प्रदेश देश में नंबर वन था। इसी तरह बेरोजगारी, महिलाओं पर अत्याचार के मामले में भी प्रदेश अव्वल था। शिवराज सिंह को इनका हिसाब देना पड़ेगा। शिवराज सिंह चौहान ने अपने कार्यकाल में प्रदेशवासियों को महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, भर्ती घोटाले, माफियावाद, घर-घर शराब दी है। उन्हें इसका हिसाब देना होगा।
उन्होंने कहा कि वोटों के आधार पर कांग्रेस की सरकार बनी थी। सौदेबाजी से सौदा कर सरकार को गिरा दिया गया। 15 माह सरकार चली। ढाई माह आचार संहिता व लोकसभा चुनाव में चले गए। साढे 11 माह में अपनी नीति और नियत का परिचय दिया। हमने सोचा था कि कृषि क्षेत्र में क्रांति आए, नौजवानों का भविष्य सुरक्षित हो। सरकार के आने के बाद जिले के 85 हजार किसानों का कर्जा पहली किश्त में माफ किया। दूसरी किश्त चालू थी। मैने प्रयास किया था कि मध्यप्रदेश की पहचान बने। एक विश्वास की पहचान बने। इसके लिए माफिया के खिलाफ बूम चालू किया। शुद्ध का युद्ध शुरू किया। किसानों का कर्जा माफ किया। पेंशन दोगुनी की। प्रदेश के इतिहास में गौशाला नहीं बने, उतना 11 माह में 1 हजार गौशाला का निर्माण किया। 100 रुपए में बिजली दी। इसके अलावा उन्होंने अनेक बातें कही। इस अवसर पर अन्य कांग्रेसी नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया।
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