नहर से पानी नहीं छोड़ा, तो किया जाएगा उग्र आंदोलनसिंचाई के लिए नहर से पानी छोड़े जाने किसानों ने की मांग
झूठा साबित हो रहा एसडीओ का आश्वासन
रामपायली. धान की फसल लगने के बाद किसानों को सिंचाई के लिए पानी की समस्या होने लगी है। इस समस्या को लेकर व नहर से सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर रामपायली सहित दस ग्राम के किसानों ने सिंचाई विभाग वारासिवनी के एसडीओ घनश्याम मरावी से चर्चा की थी। तब एसडीओ मरावी ने ४ दिनों में नहर से पानी देने का आश्वासन दिया था। लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी एसडीओ का आश्वासन पूरा नहीं हो पाया है और सिंचाई के लिए पानी नहीं छोड़ा गया है। इस बात से किसान आक्रोशित है। जिनके द्वारा अब आंदोलन की रणनीति तैयार की जाने लगी है। पानी की मांग को लेकर किसानों ने रामपायली के कस्बीटोला में प्रदर्शन किया। वहीं किसानों का नेतृत्व कर रहे जल उपभोक्ता संथा सदस्य लोकेश तिवारी ने शीघ ही उग्र आंदोलन किए जाने की चेतावनी है। जानकारी के अनुसार किसानों ढूंटी बांध से पानी दिए जाने की जानकारी बताई गई थी। लेकिन वर्तमान में इस बांध में कम मात्रा में ही जल संग्रहण हो पया है। इस कारण सिंचाई विभाग के अधिकारी भी पानी छोडऩे को लेकर स्वयं को अक्षम महसूस कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अब किसान शीघ्र ही पानी छोडऩे नहीं तो उनकी फसल बर्बाद हो जाने व फिर एसडीओ कार्यालय का घेराव किए जाने की बात कह रहे हैं। इस मामले में ग्राम सोनझरा के पूर्व सरपंच बुद्धेश बिसेन, कृषक गौरीशंकर हरिनखेड़े, डिगनलाल टेम्भरे ने बताया की मुख्य नहर से रेंगाझरी, कस्बीटोला, रामपायली होकर सोनझरा तक आने वाली मायनर नहर में पानी नहीं आ रहा है। इस कारण हमारी फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई है। इस संंबंध में सिंचाई विभाग के एसडीओ मरावी से चर्चा की गई थी। उन्होंने कुछ दिन का समय मांगा था। लेकिन इतने दिन बीतने के बाद भी नहर में पानी नहीं आ रहा है। किसानों ने किया प्रदर्शन इस समस्या के समाधान के लिए गत शाम ग्राम सोनझरा व कस्बीटोला के करीब २०० किसानों ने पेट्रोल पंप के पास सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया। इस बीच एक बार पुन: एसडीओ सिंचाई मरावी से मोबाइल पर चर्चा की गई। तब उन्होंने सोमवार की शाम तक पानी पहुंचाने का वादा किसानों से किया। लेकिन सोमवार के दिन भी पानी नहीं छोड़ा गया। वर्सन ढूटी बांध नहर से ग्राम रेंगाझरी, रामपायली, कस्बीटोला व सोनझरा की करीब ३०० एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई होती है। यदि समय पर फसल को पानी नहीं मिला, तो फसल सूखने व खराब होने का खतरा बन जाएगा। इसके लिए १० ग्राम के किसानों के साथ हम शीघ्र आंदोलन करेंगे। लोकेश तिवारी, सदस्य जल उपभोक्ता संथा
ढूंटी बीयर में पानी कम होने से नहरों से पर्याप्त पानी नहीं दिया जा रहा है। भीमगढ़ से पानी के लिए उच्चाधिकारियों को मेल भेजा गया है। वहां से पानी मिलते ही किसानों को नहरों के माध्यम से पानी प्रदान किया जाएगा। घनश्याम मरावी, एसडीओ सिंचाई वारासिवनी