गहमा गहमी व तनाव के बीच कलेक्ट्रेट के घेराव प्रयास
बालाघाटPublished: Mar 09, 2019 09:51:25 pm
पुलिस बल ने आधा किमी दूर प्रदर्शनकारियों को रोकाभारी हो हंगामा, नारेबाजी व धक्कामुक्कि के बीच पुलिस ने भाजपाईयों को लिया हिरासत में बाद में छोड़ा
गहमा गहमी व तनाव के बीच कलेक्ट्रेट के घेराव प्रयास
बालाघाट। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा वचन पत्रों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने शनिवार को कलेक्ट्रेट का घेराव आंदोलन किया। दोपहर भाजपा कार्यालय से आंदोलन प्रभारी नीता पटेरिया और भाजपा अध्यक्ष रमेश रंगलानी के नेतृत्व में पदाधिकारी, कार्यकर्ता और किसानों के साथ सभी आंबेडकर चौक, कलेक्टर कार्यालय मार्ग से आगे बढ़ते हुए विश्वेश्रैया चौक पहुंचे। यहां भाजपा के आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने आधा किमी दूर ही बैरिकेट कर प्रदर्शनकारियों को रोका। इसके बाद जमकर धक्का-मुक्की, नारेबाजी का दौर चला। मौके पर दिनभर तनाव व गहमा-गहमी की स्थिति रही। भाजपाईयों द्वारा बेरिकेट के दूसरी ओर घुसने का प्रयास किया गया। लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं होने दिया।
प्रदर्शन के दौरान बेरीकेट पर चढ़े परसवाड़ा विधायक रामकिशोर कावरे को एक पुलिस अधिकारी ने खींचते हुए अंदर किया। इस मामले ने तूल पकड़ लिया और मामला पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान तक जा पहुंचा। जिनके निर्देश के बाद विधायक रामकिशोर कावरे पुलिस लाईन में बनाई गई अस्थायी जेल में धरने पर बैठ गए और अपने विशेषाधिकार का हवाला देते हुए इस मामले को विधानसभा में उठाए जाने की बात कही। इस दौरान मौके पर उपस्थित अन्य भाजपाईयों ने भी पुलिस वाहन में बैठकर उन्हें गिरफ्तार किए जाने की मांग की। शाम के समय पुलिस ने कुछ नेताओं को वाहन में बैठाकर पुलिस लाइन ले गई। लेकिन यहां मुचलका भरने के दौरान भाजपाईयों ने पहले गिरफ्तार करने की बात कही गई। अंत में सभी को बिना गिरफ्तार किए ही छोड़ दिया गया।
सरकार पर लगाया आरोप
भाजपाईयों ने प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस सरकार पर अपना वचन पत्र पूरा नहीं किए जाने का आरोप लगाया। भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश रंगलानी, विधायक रामकिशोर कावरे ने बताया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने युवाओं को रोजगार व भत्ता दिए जाने की बात कही गई थी। वहीं किसानों को भी १० दिनों के अंदर ऋण माफी की बात कही गई। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। कुछ दिन बाद आचार संहित लग जाएगी। इसके बाद कांग्रेस का वजन पत्र जुमला बनकर रह जाएगा।
आंदोलन प्रभारी पूर्व सांसद नीता पटेरिया ने आंदोलन के दौरान पुलिस की कार्रवाई व कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के राज में भाजपा कार्यकर्ताओं का दमन किया जा रहा है। जिसे सहा नहीं जाएगा और इसका जवाब दिया जाएगा। हर जोर जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है के साथ हम कांग्रेस सरकार से टक्कर लेने भी तैयार है।
ये रहे शामिल
आंदोलन में पूर्व सांसद नीता पटेरिया, जिलाध्यक्ष रमेश रंगलानी, विधायक रामकिशोर कावरे, केडी देशमुख, डॉ. योगेन्द्र निर्मल, रमेश भटेरे, लता एलकर, वरिष्ठ भाजपाई राजेश भाई चांवड़ा, भारती पारधी, राजकुमार रायजादा, वीणा कन्नौजिया, दिलीप चौरसिया, अभय कोचर, राज हरिनखेड़े, गोलु ठाकरे, गुलशन भाटिया, समीर जायसवाल, मनोज हरिनखेड़े, मिनाक्षी हरिनखेड़े, नंदिनी वर्मा, रक्षा हरिनखेड़े, राकेश सेवईवार, कुणाल एलकर, गोपाल आडवानी, विक्रम देशमुख, अजय सोनी, संतोष शुक्ला, प्रज्जवल चौरसिया सहित बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता और किसान साथी मौजूद थे।