आयुष, डेंटल डॉक्टर छह महीने का क्रैश कोर्स करके लिख सकेंगे एलोपैथी दवा
बालाघाटPublished: Nov 21, 2019 05:21:29 pm
मप्र आयुर्विज्ञान विश्व विद्यालय कुलपति ने स्वस्थ्य मंत्री को भेजा पत्रएसोसिएशन ऑफ मोर्डन आयुष डॉ मप्र ने विश्व विद्यालय पहुंच व्यक्त किया आभार
आयुष, डेंटल डॉक्टर छह महीने का क्रैश कोर्स करके लिख सकेंगे एलोपैथी दवा
बालाघाट. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नर्सेस को ब्रिज कोर्स कराकर वेलनेस सेंटर में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर बनाने की योजना के बाद अब प्रदेश में आयुष और डेंटल डॉक्टर्स को क्रैश कोर्स कराकर सरकारी अस्पतालों में एमबीबीएस चिकित्सकों की कमी दूर करने की तैयारी है। मरीजों को आधुनिक एवं प्राथमिक उपचार सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रदेश सरकार ने आयुष एवं डेंटल डॉक्टर्स को प्रायमरी हेल्थ केयर से जुड़ी एलोपैथी दवा प्रिस्क्राइब करने की छूट देने की योजना बनाई थी। इस योजना पर मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने पहल करते हुए आयुष एवं डेंटल डॉक्टर्स के लिए छह माह का क्रैश कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव दिया है एवं स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आरएस शर्मा ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट को एक पत्र लिखकर प्रस्ताव भेजा एवं प्रस्ताव के मुताबिक विश्वविद्यालय को छह माह का ऐलोपैथी से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद विवि स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। छह: माह के कोर्स के बाद पुन: परीक्षा आयोजित की जाएगी। परीक्षा उत्तीर्ण करने पर आयुष एवं डेंटल डॉक्टर्स को प्राथमिक उपचार से संबंधित ऐलोपैथी दवा लिखने की पात्रता मिलेगी।
कुलपति का व्यक्त किया आभार
प्रदेश के आयुष चिकित्सको के लिए सतत संघर्षशील एसोसिएशन ऑफ मोर्डन आयुष डॉ मप्र के प्रदेश संगठन मंत्री डॉ अंकित असाटी, डॉ कमलेश देशमुख, डॉ हितेश कावड़े, डॉ महबूब खान, डॉ शैलेश चौहान ने विश्वविद्यालय पहुंच कुलपति डॉ आरएस शर्मा का आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया। डॉ अंकित असाटी ने कहा कि एसोसिएशन प्राथमिक आधुनिक चिकित्सा के अधिकार के लिए प्रतिवद्ध है और स्वास्थ्य विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए बहुत अच्छा सकारात्मक कदम उठाया है, जिसके लिए प्रदेश के सभी आयुष चिकित्सक आभारी है।
प्राथमिक उपचार सुलभ होगा
डॉ अंकित असाटी ने बताया कि ने 6 माह एलोपैथी क्रैश कोर्स के विश्वविद्यालय का एक बहुत अच्छा निर्णय है। जिसमें आयुष चिकित्सक सरकारी मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञों की निगरानी में ऐलोपैथी प्रशिक्षण लेंगे। आयुष डॉक्टर्स को प्राथमिक उपचार से संबंधित एलोपैथी दवा लिखने का अधिकार मिलने पर मरीजों का उपचार आसान होगा और ग्रामीण क्षेत्रो में मरीजो को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो जाएगी।